◆रात एक बजे भड़क गया डीपीएफ कदुंद का नागण जंगल
◆मंगलवार दोपहर को नारला जंगल मे भड़क गई आग
◆स्थानीय ग्रामीणों ने दमकल विभाग की मदद से आग पर पाया काबू
पधर(मंडी)। कृष्ण भोज
मार्च माह में ही प्रचंड गर्मी की दस्तक से जंगलों में आगजनी की घटना में एकाएक इजाफा होने लगा है। जिससे अनमोल वन संपदा धु धु कर राख हो रही है। भराड़ू क्षेत्र का घोड़ा मकोड़ा जंगल बीते दो दिनों से दहक रहा है। वन विभाग और स्थानीय ग्रामीण आग पर काबू पाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं। यहां दो दिन बाद आग को काबू में पाया है।
उधर, वन परिक्षेत्र उरला के अधीन डीपीएफ कदुंद जंगल मे बीते सोमवार देर रात करीब एक बजे नागणी के पास जंगल आगजनी से भड़क गया। देर रात्रि को हुई घटना का पता चलते ही स्थानीय निवासी एवं पंचायत समिति द्रंग के उपाध्यक्ष कृष्ण भोज, पंचायत उप प्रधान रमेश कुमार, मनोहर सिंह, आशीष, अजय, वन रक्षक नरेश और वनकर्मी मस्त राम आग पर काबू पाने में जुट गए। साथ ही दमकल चौकी पधर को भी घटना की सूचना दी। लगभग तीन घंटे की कड़ी मशक्कत बाद आग को काबू में पाया गया।
फायर ब्रिग्रेड का वाहन पहुंचते ही ग्रामीणों ने आग को नियंत्रण में ले लिया था। वन उपराजिक शुकरु राम ने बताया कि नागण में करीब चार बीघा रकबा आग की चपेट में आया है।
वहीं मंगलवार दोपहर को नारला पेट्रोल पंप के पास जंगल मे आग भड़क गई। यहां दमकल विभाग ने मुस्तैदी से निपटते हुए आग को काबू किया।
ग्रामीणों की माने तो मार्च माह में तपती गर्मी के बीच शरारती तत्व ऐसी घटना को अंजाम दे रहे हैं। जिससे अनमोल संपदा तबाह हो रही है।
वन मंडल अधिकारी जोगेंद्रनगर राकेश कटोच ने बताया कि विभाग वनों को आग से बचाने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है। फायर सीजन शुरू होते ही वनकर्मियों के अवकाश बंद कर दिए हैं। ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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