बैजनाथ (रितेश सूद)
बीड़ होटल एसोसिएशन की बैठक एसोसिएशन के संरक्षक दिनेश पाल की अध्यक्षता में हुई, जानकारी देते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश अबरोल ने बताया कि सदस्यों ने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से मांग की है कि वह जल्द से जल्द क्षेत्र में पैराग्लाइडिंग की गतिविधियों को खोलने पर विचार करें।
उन्होंने बताया कि जहां प्रदेश में पिछले दिनों पर्यटकों की आमद में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, वहीं पर बीड बिलिंग घाटी पूरी तरह सुनसान पड़ी हुई है यहां पर पर्यटकों का आना साहसिक खेलों से ही शुरू हुआ है और पैराग्लाइडिंग के बंद होने से पर्यटकों की आमद पर बहुत बुरा असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि गत 2 वर्ष का पर्यटन सीजन कोविड-19 की भेंट चढ़ने के बाद इस बार थोड़ी सी उम्मीद जगी थी। लेकिन कुछ दुर्घटनाओं के चलते पैराग्लाइडिंग की गतिविधि पर रोक लग गई है। जिसके कारण पर्यटकों का घाटी में आना बहुत कम रह गया है।
स्थानीय लोगों ने कर्ज लेकर होटल कैंपिंग होमस्टे इत्यादि का कार्य शुरू किया है और अगर ऐसा ही रहा तो उन लोगों के पास इनको बेचने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में ऐसी छोटी-छोटी दुकानें हैं,जो पर्यटकों पर ही निर्भर हैं, टैक्सी चलाने वाला एक बहुत बड़ा वर्ग भी इसी व्यवसाय से अपनी रोजी रोटी कमाता है इसके अलावा बहुत से ढाबे रेस्टोरेंट्स रेहड़ी फड़ी वाले पर्यटकों से ही अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं। जिस पर आजकल पूरी तरह से पर्यटकों के न होने से रोक लग गई है। गुनेहड़ के वाटरफॉल को जाने वाले पर्यटकों को लेकर जाने वाले गाइड आजकल पूरी तरह बेरोजगार हैं।
उन्होंने कहा कि बिलिंग में चलने वाली दुकानें पूरी तरह से बंद पड़ी हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास मात्र अप्रैल मई-जून के यह 3 महीने होते हैं जिसमें पर्यटकों की भरमार रहती है। उसके बाद बरसातों के आने से अक्टूबर तक यहां पैराग्लाइडिंग के बंद होने से कोई नहीं आता है,उन्होंने विभाग से जल्द पैराग्लाइडिंग शुरू करने की मांग की है।
इस मौके पर कर्नल जेपी सहित एसोसिएशन के पदाधिकारी रंजन शर्मा, अंकुश राणा, यीशु कपूर ,राकेश पालसरा,संतोष कपूर, वीके सोनी,बलवंत राजपूत व विक्रमादित्य पाल उपस्थित रहे।
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