Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

94 कि उम्र मे भी नहीं मानी हार,गोल्ड जीत के किया देश का सर गर्व से ऊँचा

       भगवानी देवी ने दिखा दिया कि खेलने कि कोई उम्र नहीं होती, बस जज़्बा होना चाहिए जीतने का

ब्यूरो रिपोर्ट

भगवानी देवी ने दिखा दिया कि खेलने कि कोई उम्र नहीं होती, बस जज़्बादिल्ली के नजफगढ़ देहात की रहने वाली 94 साल की भगवानी देवी डागर ने  सर गर्व से ऊँचा कर दिया! उन्होंने यह समझा दिया की  उम्र सिर्फ एक नंबर का ही काम करती है ! अगर दिल में कुछ कर दिखाने का जज़्बा हो तो उम्र छोटी पड़ जाती है !

भगवानी देवी डागर की उम्र 94 साल है.!उन्होंने फिनलैंड में आयोजित वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीन मेडल जीते! इसमें एक गोल्ड और दो ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं!भगवानी देवी डागर लोगों के लिए मिसाल हैं,राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंट में कई मेडल अब तक वो जीत चुकी हैं,भगवानी शतायु होने वाली हैं लेकिन खेलों के प्रति अभी भी उनका जोश कम नहीं हुआ है!

100 मीटर दौड़ 24.74 सेकेंड में पूरी कर अपना जलवा दिखाया था! वो एक सेकेंड से विश्व रिकॉर्ड से चुक गईं थी, भगवानी देवी की शादी 12 साल की छोटी उम्र में हुई थी! लेकिन 30 साल की उम्र में उनकी पति की मौत हो गई!


बताया गया की भगवानी का पोता विकास एशियाई खेलों सहित कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व कर चुका हैं! उन्होंने देश के लिए कईं मेडल जीते हैं! विकास को खेल रत्न पुरस्कार मिल चुका है! भगवानी दौड़ के अलावा शॉटपूट भी अच्छा खेलती हैं!उसने शॉटपुट में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता है!भगवानी ने विकास को देखकर ही खेलना शुरू किया था!बताया जाता है कि उनके पोते ने ही उनकी ट्रैंनिंग करवाई है ! 




Post a Comment

0 Comments

हिमाचल की दो खिलाड़ी पहली बार महिला वनडे विश्वकप के फाइनल में