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तीसरे दिन भी कुल्लू-मंडी नेशनल हाईवे बंद

                                          चक्कीमोड़ में आधा घंटा ठप रही आवाजाही

कुल्लू,रिपोर्ट ओमप्रकाश ठाकुर 

हिमाचल में शुक्रवार को मिला-जुला मौसम रहा। धर्मशाला में झमाझम बारिश तो राजधानी शिमला में कुछ देर के लिए हल्की बारिश हुई। मंडी-कुल्लू नेशनल हाईवे तीसरे दिन भी बहाल नहीं हो पाया है। जरूरी सामान वाले वाहन ही दोपहर 2:00 से शाम 7:00 बजे तक कुल्लू के लिए भेजे गए। अन्य छोटे वाहन वैकल्पिक सड़कों से भेजे गए। शनिवार को एनएच के बहाल होने की उम्मीद है। 

उधर, कालका-शिमला नेशनल हाईवे-5 पर बारिश के बाद कमजोर पड़ चुके पहाड़ दरक रहे हैं। शुक्रवार को सुबह करीब नौ बजे चक्कीमोड़ में पहाड़ से मलबा आ जाने के कारण आधे घंटे तक वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से थम गई। इससे हाईवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और जाम की स्थिति से लोग जूझते रहे।हालांकि फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी की ओर से भूस्खलन रुकने के बाद तुरंत सड़क को सुचारु करने का काम शुरू किया, लेकिन मलबा हटाने के बाद भी पहाड़ से भूस्खलन होता रहा।  अधिक जाम की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने सनवारा टोल प्लाजा, धर्मपुर और कुमारहट्टी में भी ट्रैफिक रोका। वहीं छोटे वाहनों को धर्मपुर-जंगेशू-परवाणू डायवर्ट किया गया। वहीं, नालागढ़ के मलेणी पंचायत के गदोन में पहाड़ी से मलबा आने से एक मकान गिर गया। परिवार को पड़ोस के मकान में शिफ्ट करवा दिया है। 

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार सात सितंबर तक प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है।आनी कस्बे के नए बस अड्डे के पास चार और मकानों में दरारें आ गई हैं। इसी क्षेत्र में मकानों के ऊपर से पानी के चश्मे भी जगह-जगह फूट गए हैं।  कुछ मकान तो ऐसे भी हैं, जिनके अंदर से पानी रिस रहा है। बीते दिन आनी में जियोलॉजिस्ट की टीम आई थी। उन्होंने पूरे क्षेत्र की जांच की। साथ ही उन्होंने मकान मालिकों को अपने भवनों को सुरक्षित करने के लिए वैज्ञानिक तरीके से सुझाव दिए।इसके अलावा कमेटी की ओर से किरण बाजार में हो रहे भूस्खलन से बचाव के लिए धंस रहे मलबे को हटाकर इस क्षेत्र की एंकरिंग करके कंक्रीट से भरने, नए भवनों और किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक लगाने के सुझाव दिए। एसडीएम आनी नरेश वर्मा ने बताया कि सभी प्रभावितों को अब तक 60 लाख रुपये की राहत राशि बांटी गई है। आनी कस्बे के चार अन्य मकानों में दरारें आई हैं। जबकि कुछ मकान खतरे की जद में है। सभी असुरक्षित मकानों को खाली करवा दिया गया है। 





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