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प्रदेश में कुछ वर्ष पहले 265 करोड़ से अधिक राशि का छात्रवृत्ति घोटाला पकड़ा गया था

                                              छात्रवृत्ति लेने वाले शिक्षण संस्थानों की होगी जियो टैगिंग

शिमला,रिपोर्ट नीरज डोगरा 

हिमाचल में फर्जी शिक्षण संस्थान अब छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत छात्रवृत्ति लेने वाले सभी शिक्षण संस्थानों की जियो टैगिंग होगी। केंद्र के निर्देशों पर शिक्षा विभाग ने सभी निजी और सरकार विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और स्कूल प्रमुखों को इसके बारे में पत्र भेज दिए हैं।शैक्षणिक सत्र 2023-24 की छात्रवृत्ति राशि लेने के लिए संस्थानों की जियो टैगिंग अनिवार्य कर दी गई है। जियो टैगिंग से गूगल मैप देखकर संस्थानों की वास्तविक स्थिति का आसानी से पता लग सकेगा। 

फाइलों में बड़े संस्थान बताकर अधिक विद्यार्थियों के नाम पर छात्रवृत्ति लेने वालों पर शिकंजा कसने के लिए फैसला किया गया है।प्रदेश में कुछ वर्ष पहले 265 करोड़ से अधिक राशि का छात्रवृत्ति घोटाला पकड़ा गया था। मामले की सीबीआई अभी भी जांच कर रही है। घोटाला करने वालों के खिलाफ हाईकोर्ट में चार्जशीट दायर करने की प्रक्रिया जारी है। प्रवर्तन निदेशालय भी मामले की जांच कर रहा है। इसी बीच, केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति राशि जारी करने के नियमों को और कड़ा कर दिया है। विद्यार्थियों के आधार नंबर बैंक खातों से जोड़ना अनिवार्य करने के बाद अब शिक्षण संस्थानों की जियो टैगिंग की जाएगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने जियो टैगिंग करने के शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं। नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर जियो टैगिंग से संबंधित जानकारी देने को कहा गया है।जियो टैगिंग से आसानी से पता चल सकेगा कि जिस संस्थान ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया है, उनका परिसर कितना बड़ा है और लोकेशन कहां है। जियो टैगिंग प्रक्रिया अगले सप्ताह शुरू की जाएगी।




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