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हिमाचल प्रदेश के सात जिलों के बगीचे वर्ष 2028 तक आम, अमरूद, संतरा और अनार से होंगे लकदक

                               इस प्रोजेक्ट के तहत सात जिलों में 162 सिंचाई योजनाओं का निर्माण होना है

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश के सात जिलों के बगीचे वर्ष 2028 तक आम, अमरूद, संतरा और अनार से लकदक होंगे। एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत 6000 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि पर नकदी फसलों को उगाने के कार्य को वर्ष 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें पौधरोपण, सिंचाई सुविधा और बाड़बंदी का कार्य शामिल है। जल्द ही एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत वाटर यूजर एसोसिएशन बनेंगी, ताकि कलस्टर में शामिल किसानों को उचित तरीके से सिंचाई सुविधा का लाभ मिल सके।

इस प्रोजेक्ट के तहत सात जिलों में 162 सिंचाई योजनाओं का निर्माण होना है। जिस पर करीब 219 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने के लिए नीदरलैंड से एशियन डेवलेपमेंट बैंक के कंसल्टेंट ओलफ हिमाचल पहुंच चुके हैं। वह कांगड़ा के धर्मशाला, हमीरपुर और बिलासपुर में प्रोजेक्ट के अधिकारियों के साथ बैठक ले रहे हैं। अब 15 जनवरी को शिमला में राज्य स्तरीय बैठक होगी।

शिवा प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के सात जिलों के किसानों को परंपरागत खेतीबाड़ी के अलावा नकदी फसलों के प्रति आकर्षित करना है, ताकि उनकी आर्थिकी में व्यापक सुधार हो सके। एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत नींबू, संतरा, आम, लीची, अनार, प्लम, पिकनेट और जापानी फलों को बढ़ावा देना है, क्योंकि बाजार में इन फलों की अत्याधिक मांग और उनके दाम भी चोखे मिल रहे हैं।

पायलट प्रोजेक्ट में 15 कलस्टरों के तहत 17 सिंचाई स्कीमों का निर्माण हो चुका है। वर्तमान में 4000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए 162 सिंचाई स्कीमों का निर्माण होना है। इसके अलावा 2000 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि के लिए सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए भी सर्वे का कार्य चल रहा है।चार हजार हेक्टेयर के लिए 162 सिंचाई स्कीमों की डीपीआर तैयार की गई है। जल्द ही टेंडर के बाद इनका कार्य शुरू होगा। इसके अलावा 2000 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को भी सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सर्वे का कार्य चल रहा है। बागवानों को एचपी शिवा प्रोजेक्ट का भरपूर लाभ मिलेगा।


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