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ब्रिटिशकाल में बने रास्तों की मरम्मत कर उन्हें अब ब्राइडल पाथ में बदला जा रहा है

                                                    ब्राइडल पाथ से रघुपुरगढ़ किला निहारेंगे सैलानी

काँगड़ा,रिपोर्ट नेहा धीमान 

 ब्रिटिशकाल में बने रास्तों की मरम्मत कर उन्हें अब ब्राइडल पाथ में बदला जा रहा है। खासकर कुल्लू जिले में यह काम तेजी से सिरे चढ़ रहा है। वर्तमान में तीन जगहों पर काम चल रहा है। अब रघुपुरगढ़ के किले को भी सैलानी ब्राइडल पाथ के जरिए फतह करेंगे। इसके लिए सांसद प्रतिभा सिंह ने सांसद निधि से पांच लाख रुपये की राशि मंजूर की है।

इस पाथ के निर्माण की नोडल एजेंसी वन विभाग होगा और यह राशि उनको ट्रांसफर कर दी है। अब वन विभाग जलोड़ी दर्रा रघुपुरगढ़ के पास लिहंगी तक इसका निर्माण करेगा। पर्यटक अब रघुपुरगढ़ के साथ यहां की हसीन वादियों का लुत्फ उठा सकेंगे। यहां स्कीइंग के साथ पैराग्लाइडिंग भी की संभावनाएं हैं। ब्राइडल पाथ से अनछुए पर्यटन स्थलों रघुपुरगढ़, खनीबाग, लिहंगी, पजेली, आडूठाणा, सुकासौर चंरादी की वादियों को सैलानी निहार सकेंगे।ये वादियों गर्मी के साथ सर्दी में भी सैलानियों को आकर्षित करती हैं। दो किलोमीटर का यह ब्राइडल पाथ करीब तीन मीटर चौड़ा होगा और इस पर पर्यटक दो पहिया वाहन के साथ ई-वाहन से पहुंच सकेंगे।अभी तक यहां पहुंचने के लिए दो किलोमीटर पैदल जाना पड़ रहा है। 

खरसू, देवदार, रेई और तोश के घने जंगलों के बीच इसका निर्माण होगा। यहां पर ब्रिटिशकाल के समय से रास्ता बना हुआ है। उसे अब मरम्मत के साथ तीन मीटर तक चौड़ा करना है। स्थानीय पर्यटन कारोबारी जगदीश ठाकुर, सुनील कुमार तथा राजेश ने कहा कि ब्राइडल पाथ के निर्माण से रघुपुरघाटी के अनछुए पर्यटन स्थलों को नई पहचान मिलेगी।सांसद निधि से पांच लाख रुपये की राशि मंजूर हुई है। जलोड़ी दर्रा से लेकर रघुपुरगढ़ के साथ लगते लिहंगी नामक जगह तक करीब दो किमी का निर्माण होगा। कहा कि ब्राइडल पाथ से ईको टूरिज्म को पंख लगेंगे।



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