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जिला ऊना के पंडोगा गांव में पर्यावरण से हो रहा है जमकर खिलवाड़

                                    पहाड़ी क्षेत्र में गुपचुप फेंका जा रहा उद्योगों का अपशिष्ट पदार्थ

ऊना,रिपोर्ट अविनाश चौहान 

औद्योगिक क्षेत्र के रूप में तेजी से विकसित हो रहे पंडोगा गांव में पर्यावरण से जमकर खिलवाड़ हो रहा है। हाल ही में कुछ अनियमितताओं को लेकर एनजीटी (राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण) ने उपायुक्त ऊना सहित विभिन्न विभागों के मुखियाओं को नोटिस जारी किया है। वहीं, अब गांव के आसपास स्थित हरी-भरी पहाड़ियों को प्रदूषित किया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार पंडोगा गांव में वर्तमान में करीब 10 उद्योग संचालित हो रहे हैं। इनमें रसायनिक उत्पाद, शराब सहित घरेलू उत्पादों का निर्माण होता है। उत्पाद के तैयार होने के बाद बचे अपशिष्ट पदार्थों को जंगल के बीच खड्ड में फेंका जा रहा है। इससे क्षेत्र में बदबू फैली रहती है। इसके अलावा खड्ड में बहकर अपशिष्ट पदार्थ आबादी वाली क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं।हिमाचल-पंजाब सीमा से सटे इस औद्योगिक क्षेत्र के आसपास का इलाका हरी-भरी पहाड़ियों से भरा है। पहाड़ी क्षेत्र में आबादी नहीं है। ऐसे में वहां लोगों का आना-जाना बेहद कम होता है। सर्दियों के लिए लोग घास और सूखी लकड़ियां लाने जंगल की ओर जाते हैं।

 इस दौरान लोगों ने देखा कि उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों को ट्रैक्टर ट्राली में भरकर सुनसान स्थान पर फेंका जा रहा है। इससे क्षेत्र में प्रदूषण फैल रहा है।लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अपशिष्ट पदार्थों में ऐसा प्रतीत होता है, जैसे किसी फल के सड़ने से उसमें बदबू आती हो। कहा कि इसके साथ रसायनों जैसी गंध भी आती है। इससे वहां से गुजरना मुश्किल हो चुका है। अगर इन दिनों लोग लकड़ियों और घास के लिए वहां नहीं जाते को इस बारे में किसी को कानों कान खबर नहीं होती।


बीते दिनों कोटला कलां निवासी पूर्व सैनिक मनोज कौशल ने एनजीटी को दी शिकायत में आरोप लगाया कि पंडोगा औद्योगिक क्षेत्र बनाने के लिए 9,930 पेड़ों को काटा गया था। मगर इस जगह पर नए पौधे नहीं लगाए गए। वहां पांच एमएलडी क्षमता के कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) की स्थापना नहीं की जा सकी। इसके बाद एनजीटी ने जिला प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों को खुले में नहीं फेंक सकते। हालांकि इनका रिसाइकल या किसी अन्य उत्पाद को तैयार करने में इस्तेमाल हो सकता है। इसके अलावा खाद बनाने में कई पदार्थों का इस्तेमाल कर लिया जाता है। इसके लिए उद्योग प्रबंधन को ही इंतजाम करना होता है। अगर नियमों को लेकर ऐसी लापरवाही हो रही है तो इसकी जांच होगी।

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