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पूर्व मंत्री एवं धर्मशाला से वर्तमान कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा भी श्रीराम के रंग में रंग गए

                                                 श्रीराम के रंग में रंगे कांग्रेस विधायक सुधीर

काँगड़ा,रिपोर्ट नेहा धीमान 

'पूर्व मंत्री एवं धर्मशाला से वर्तमान कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा भी श्रीराम के रंग में रंग गए हैं। 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के लिए धर्मशाला के विधायक इलाके में चार स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाने जा रहे हैं। विस क्षेत्र के तहत दाड़ी के मेला मैदान, कचहरी चौक, भागसूनाग समेत चार जगहों का एलईडी लगाने के लिए चयन किया गया है। विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने गत दिवस सुधीर के आवास पर उनसे मुलाकात कर उन्हें 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले  प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण भी दिया है। 

इसकी पुष्टि उन्होंने खुद की है और कहा कि  भगवान श्रीराम सबके लिए आस्था का विषय हैं। इसे राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। विहिप के निमंत्रण मिलने के बाद ही उन्होंने एलईडी स्क्रीन लगाने का निर्णय लिया है। सुधीर शर्मा ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कांगड़ा को दूसरी राजधानी देने की अधिसूचना की प्रति अपलोड की।  इसकी राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा है कि आज ही के दिन यानी 19 जनवरी 2017 को मंत्रिमंडल की बैठक में धर्मशाला को प्रदेश की दूसरी राजधानी देने का निर्णय लिया गया और 3 मार्च 2017 को तत्कालीन प्रधान सचिव ने इसकी अधिसूचना जारी की थी।


 गौरतलब है कि 2017 में जब यह निर्णय हुआ था, उस समय वीरभद्र सिंह की सरकार थी और सुधीर उसमें मंत्री थे। आज तक धर्मशाला को दूसरी राजधानी का दर्जा नहीं मिल पाया है। हालांकि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू सार्वजनिक मंच से कांगड़ा को अपना दूसरा घर और पर्यटन राजधानी बनाने की बातें करते रहे हैं। सुधीर शर्मा इससे पूर्व केंद्रीय विवि धर्मशाला के जदरांगल में बनने वाले धौलाधार परिसर को लेकर चल रहे आंदोलन को भी अपना समर्थन दे चुके हैं। हाल ही में उन्होंने आदि हिमानी चामुंडा मंदिर मार्ग पर सोलर लाइटों को उखाड़ने के मामले में भी पुलिस चौकी योल में एफआईआर दर्ज करवाई है। मंत्रिमंडल विस्तार में जगह नहीं मिलने से निराश सुधीर शर्मा ने 14 दिसंबर की रात को फेसबुक पर पोस्ट डालकर लिखा था  कि युद्धं निरंतर भवति, दैवेन सह, कालेन सह, अस्माभिः सह। इसका अर्थ है-युद्ध हमेशा चला रहता है भाग्य के साथ, काल के साथ और अपनों के साथ।



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