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आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले भूमिगत

                सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले AAP के तीन पार्षद भूमिगत, भाजपा में होंगे शामिल!

चंडीगढ़

30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव हुए थे। इसमें 16 वोट लेकर भाजपा के मनोज सोनकर जीत गए थे। पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने आठ पार्षदों के वोट को अवैध करार दिया था। इसके बाद कांग्रेस और आप गठबंधन के मेयर प्रत्याशी पहले हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को मामले की सुनवाई है।


चंडीगढ़ में मेयर चुनाव को लेकर चल रहे विवाद के बीच सियासी गठजोड़ चरम पर है। आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव को लेकर जहां सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, वहीं आप के तीन पार्षद भाजपा के संपर्क में बताए जा रहे हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक एक पुरुष और दो महिला पार्षद भाजपा के संपर्क में हैं, जो आने वाले दिनों में पार्टी का दामन थाम सकते हैं।


बताया जा रहा है कि तीनों पार्षद जल्द गुरुग्राम में होने जा रहे भाजपा के एक कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मौजूदगी में भगवा का दामन थाम सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो भाजपा के पास 14 की जगह 17 पार्षद हो जाएंगे, जबकि एक वोट भाजपा सांसद का पार्टी के खाते में होगा। सूत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी की दो महिला पार्षद और एक अन्य शुक्रवार रात से शहर से बाहर हैं। 


हालांकि शनिवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उनसे बात हुई है। एक पार्षद ने शादी में जाने की बात कही है तो एक पार्षद ने स्पष्ट तौर से कह दिया है कि वह पार्टी के अंदर खुश नहीं है। हालांकि शनिवार को इनके फोन स्विच ऑफ पाए गए। वहीं, दूसरी ओर सूत्रों ने खुलासा किया है कि आप के तीनों पार्षद भाजपा में शामिल होते हैं तो भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित मेयर मनोज सोनकर इस्तीफा दे सकते हैं।


गौर हो कि 30 जनवरी को हुए मेयर चुनाव में प्रशासन की ओर से नियुक्त पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने आठ पार्षदों के वोट को अवैध करार दिया था, जिसके बाद भाजपा के मनोज सोनकर को मेयर बनाया गया। लेकिन गठबंधन ने इसे चुनौती देते हुए पहले हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 

पीठासीन अधिकारी की एक वीडियो भी वायरल हुई थी, जिसमें वह कथित रूप से अवैध करार दिए पार्षदों के वोटों पर निशान लगाते दिखाई दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर चंडीगढ़ प्रशासन को फटकार लगाई थी और मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को रखी गई है। जिसको लेकर चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से जवाब दाखिल किया जाएगा।

 

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