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छह शेफों ने 451 विविधताओं के साथ रिकॉर्ड बनाया

                                                        451 प्रकार के सिड्डू बनाने का रिकॉर्ड छह शेफ ने बनाया

शिमला , ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल टूरिज्म हिम आंचल शेफ एसोसिएशन ने हिमाचली भोजन को बढ़ावा देने के लिए 451 प्रकार के सिड्डू बनाए हैं। हिमाचल प्रदेश ने ऐसा पहला सिड्डू बनाकर रिकॉर्ड बनाया है। एसोसिएशन के छह शेफ ने ये सिड्डू बनाकर मंगलवार को राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ में हुई प्रतियोगिता में दिखाए। 


सुबह चार बजे से छह शेफ ने सिड्डू बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी। दोपहर एक बजे इन्हें प्रदर्शित किया गया। 451 प्रकार के सिड्डू छह शेफ ने बनाए। हर प्रजाति ने तीन सिड्डू बनाए हैं। यहां 1300  सिड्डू बनाए गए। अब इन्हें लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज करवाने के लिए भेजा जाएगा। शिमला अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रतन नेगी, एडीएम ज्योति राणा और पर्यटन विभाग निदेशक राजीव कुमार ने इस दौरान सिड्डू का स्वाद चखा।


हिम आंचल शेफ एसोसिएशन के अध्यक्ष नंद लाल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में पहली बार 451 प्रकार के सिड्डू बनाकर रिकॉर्ड बनाया गया है, जिसका उद्देश्य हिमाचल प्रदेश की खाद्य सामग्री को बढ़ावा देना था। इस रिकॉर्ड की तैयारी करने में एक महीने लग गया था। इनका निर्माण एसोसिएशन के छह शेफों ने किया है। अब इसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराने के लिए भेजा जाएगा। 


एसोसिएशन के छह शेफ ने 451 किस्म का मीठा नमकीन सिड्डू बनाया है। यह ड्राई फ्रूट्स, सब्जियां, मोटा अनाज, दालें, मिठाइयां, चॉकलेट, गुच्छी, देसी शक्कर और ड्राइनट्स से बना है। महाराष्ट्र के व्यंजन कचौरी, थिपेला और गुजरात से भी कई सिड्डू बनाए जाते हैं। मंगलवार को पीटरहॉफ, राज्य अतिथि गृह में हिमाचल टूरिज्म हिम आंचल शेफ एसोसिएशन ने हिमाचल कल्नरी चैलेंज और शिखर सम्मेलन का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ पर्यटन विभाग के प्रबंध निदेशक राजीव कुमार ने किया। 


निर्णायक मंडल में बाहरी राज्यों गुजरात, अहमदाबाद और पंजाब से आए शेफ ने काम किया। इस दौरान चिल्ड्रन शेफ, स्टूडेंट शेफ और प्रोफेशनल शेफ वर्गों में स्पर्धा हुई, जिसमें प्रदेश और बाहरी राज्यों से 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया। 16 साल से कम आयु के बच्चों ने चिल्ड्रन शेफ स्पर्धा में भाग लिया। सात बच्चों ने खाना बनाया। इस दौरान, एडवर्ट स्कूल के मनन ने गाजर और दूध से कैरेड कप केक बनाया, रिशान वासुदेवा ने चार्ट और चीज बनाया, ह्दय ने पनीर टिक्का बनाया, अभ्यूदय चौहान ने चॉकलेट बनाया, आरव रतन ने मूली का खट्टा और मीठे चावल बनाया, और ताराहॉल स्कूल से आहाना ने चिकन टिक्का बनाया। 

श्लोक भी गुजरात से इस प्रतियोगिता में था। श्लोक ने एक विशिष्ट केक ढोकला बनाया। इसे चावल, उड़द, चने, मूंग की दाल से तैयार किया गया है। महिला शेफ वर्ग में बुधवार को प्रतियोगिता होगी। गृहकार्य करने वाली महिलाएं इसमें भाग लेंगी। अवार्ड समारोह इसके बाद होगा।  प्रतियोगिता में भाग लेने वाले लोगों को एनुअल अवार्ड, बेस्ट रेस्तरां, बेस्ट कैफे, बेस्ट बार, बेस्ट बेकरी और बेस्ट स्वीट अवॉर्ड मिलेंगे। हिम आंचल शेफ एसोसिएशन के अध्यक्ष नंद लाल शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य छिपे हुए हिमाचली खाद्य पदार्थों, फसलों और संस्कृति की खोज में घरेलू रसोइयों, गृहिणियों और पेशेवर रसोइयों को एक साथ लाना है. राज्य की महिलाओं का मनोबल बढ़ाने और उद्यमियों को आत्मनिर्भरता के कमरे में मिलने का मंच बनाना है। 

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