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हिमाचल मे अब 56.38 लाख मतदाता

                                            हिमाचल में 56.38 लाख मतदाता, इस बार 76% मतदान का लक्ष्य

शिमला , ब्यूरो रिपोर्ट   

लोकसभा चुनाव का दौर शुरू हो गया है। हिमाचल प्रदेश में चार लोकसभा सीटों के साथ-साथ छह विधानसभा क्षेत्रों (धर्मशाला, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट, कुटलैहड़ और लाहौल-स्पीति) में विधानसभा उपचुनाव भी होंगे। निर्वाचन आयोग ने तिथियों को घोषित कर दिया है। 


प्रदेश के 56,38,422 मतदाताओं ने अपना फर्ज पूरा करते हुए लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक मतदान करने की बारी है।  शनिवार को राज्य निर्वाचन विभाग ने जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 15 मार्च, 2024 तक 56,38,422 मतदाता हैं। इसमें 28,79,200 पुरुष, 27,59,187 महिला और 35 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। 23.95,323 युवा मतदाताओं, जो 18 से 40 वर्ष की आयु वर्ग में आते हैं, सबसे अधिक जिम्मेदार हैं। 


उन्हें बेहतर सरकार और सांसद चुनने के लिए न सिर्फ खुद वोट करना है, बल्कि बुजुर्गों और दिव्यांगों को भी शामिल करना है। 5 वर्ष बाद आपको अपनी मनपसंद सरकार चुनने का अवसर मिलेगा। 11,79,674 युवा मतदाता पहली बार ईवीएम का बटन दबाएंगे। राज्य चुनाव विभाग ने इस बार 72.42 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य भी रखा है, जो पिछले लोकसभा चुनाव में था। 


मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने कहा कि लोकसभा चुनाव में मत प्रतिशतता को बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।  राजनीतिक पार्टियों या प्रत्याशियों की ओर से वोटरों को किसी भी प्रकार का प्रलोभन दिए जाने पर कार्रवाई के प्रावधानों को लेकर भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। प्रदेश में हर मतदान केंद्र पर वीवीपैट (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का प्रयोग किया जाएगा। 


30 प्रतिशत ईवीएम और वीवीपैट सुरक्षित रखेंगे, ताकि कोई तकनीकी खराबी होने पर मशीनों को तुरंत बदला जा सके। प्रत्येक मतदान केंद्र पर एक प्रिसाइडिंग अधिकारी और तीन पोलिंग अधिकारी होंगे। मतदान के दौरान चित्रित मतदाता सूचियों का इस्तेमाल होगा। लाहौल-स्पीति का टशीगंग हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित पोलिंग बूथ है। समुद्र सतह से 15,256 फुट ऊंचा है। टशीगंग का नाम दुनिया का सबसे ऊंचा बूथ है। चिंतपूर्णी निर्वाचन क्षेत्र का धुसाड़ा-2 मतदान केंद्र समुद्र सतह से 300 फुट की ऊंचाई पर है। इस चुनाव में पिछले लोकसभा चुनावों से 260 अधिक मतदान केंद्र बनाए गए हैं। 

2019 में प्रदेश में 7,730 मतदान केंद्र थे, लेकिन इस बार अब तक 7,990 होंगे। मतदाताओं की अधिक संख्या वाले मतदान केंद्रों पर एक और मतदान केंद्र बनाया जा सकता है। लोकसभा चुनावों के नामांकन के आखिरी दिन तक वोट डाल सकते हैं, इससे मतदाताओं की संख्या बढ़ेगी और नए मतदान केंद्र भी बनेंगे। बैजनाथ में सड़क मार्ग से पहुंचने में तीन दिन लगते हैं, इसलिए मतदान कर्मी हेलिकाप्टर से भेजे जाएंगे। सबसे दूर स्थित मतदान केंद्र भरमौर का ऐहलमी है, जो पैदल 13 किलोमीटर दूर है। इस स्थान पर 183 मतदाता हैं। 13 किलोमीटर की दूरी पर भटियात के मतदान केंद्र में 135 मतदाता हैं। मनोला में सबसे ज्यादा 1410 मतदाता हैं। 

समरहिल शिमला में 34 वोटर और किन्नौर के काह में 16 वोटर हैं। मतदान कर्मी पौंग डैम में टापू पर फतेहपुर के सथ कुठेड़ा मतदान केंद्र से 5.5 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। इस स्थान पर 97 मतदाता हैं।  10 हजार फीट से ऊपर मतदान केंद्र नाको, भरमौर का चसक भटौरी और मनाली का काथी है। ज्वाली, सुलह और जोगिंद्रनगर में एक लाख से अधिक लोगों ने मतदान किया: हिमाचल प्रदेश में तीन विधानसभा क्षेत्रों में एक लाख से अधिक लोग मतदान करते हैं। ज्वाली, सुलह और जोगिंद्रनगर इनमें शामिल हैं। सुलह में सबसे ज्यादा 1,01,125 मतदाता शामिल हैं। लाहौल स्पीति में सबसे कम 25,041 लोगों ने मतदान किया है। 

 चुनाव आचार संहिता लगने के बाद नई धनराशि मंजूर नहीं की जा सकती, नए काम का शिलान्यास या उद्घाटन नहीं हो सकता। नवीनीकरण नहीं होगा। यह प्रक्रिया सिर्फ पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा चलेगी। मंत्रियों और राजनेताओं की फोटो और पोस्टर बैनर को सभी सरकारी कार्यालयों और वेबसाइटों से हटाया जाएगा। इस पर फ्लाइंग स्कवायर्ड टीमें नजर रखेंगी। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए लाउड स्पीकर का उपयोग बंद रहेगा। 


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