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पौधे जमीन से निकलते ही कीड़े ने किया हमला, किसानों ने शुरू किया दवाओं का छिड़काव

                                           मक्की की फसल पर कीड़े की मार, किसानों की बढ़ी परेशानी

ऊना,ब्यूरो रिपोर्ट 

 जिला के किसान इस समय मक्की की अगेती फसल को तैयार करने में जुटे हुए हैं, लेकिन इस फसल की बिजाई करने के 10 से 15 दिन के भीतर ही कीड़े का प्रकोप शुरू हो गया है। इस फसल की पत्तियां अचानक मुरझाने लगी हैं। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। हालांकि एहतियातन जरूरी कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव शुरू किया गया है, लेकिन किसानों के लिए परेशानी यह है कि शुरुआती दिनों में कीड़े की मार शुरू हो गई है और फसल तैयार करने में अभी ढाई से तीन माह का समय बाकी है।

जानकारी के अनुसार जिला में करीब 2000 हेक्टेयर जमीन पर अगेती मक्की की खेती हो रही है। इस फसल को कीड़े और मौसम की मार से बचाना किसानों के लिए मुख्य चुनौती रहता है। किसान जहां जिले में पड़ रही प्रचंड गर्मी से फसलों को बचाने के लिए लगातार सिंचाई कर रहे हैं, तो इस बीच कीड़े का हमला किसानों की परेशानी को दोगुना कर रहा है। किसान प्रेमचंद, तरसेम लाल, रोहित, सुनील सैनी सहित अन्य ने बताया कि फसलों के उतने दाम नहीं मिलते, जितनी इन पर लागत आ जाती है। 

वर्तमान में एक कनाल भूमि में अगर कीटनाशक छिड़काव करना है तो 150 से 200 रुपये खर्च आ जाता है। ऐसे बड़े क्षेत्रफल के खेतों में यह कीमत बढ़ती जाती है। अगर मजदूरों की दिहाड़ी मिला दें तो फसलों में कुछ नहीं बचता। उन्होंने कहा कि मक्की की फसल में इस बार फिर कीड़े ने शुरुआत में ही हमला कर दिया। ऐसा ही बीते वर्ष हुआ था, जिससे किसानों को अच्छी पैदावार नहीं मिल पाई थी।अगर किसी किसान की फसलों पर कीड़े के कारण संकट आया है, तो वह कृषि विभाग के विशेषज्ञों से राय लेकर समस्या का निदान पा सकते हैं। विभाग की टीमें किसानों के बीच लगातार सक्रिय हैं। फसलों की स्थिति को ध्यान में रखकर उन्हें बेहतर परामर्श दिए जाएंगे।




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