राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी वार्षिक रिपोर्ट में हुआ क्लियर
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
ब्यास, सतलुज, यमुना, गिरी, सिरसा और अन्य नदियों में जल गुणवत्ता कई स्थानों पर राष्ट्रीय मानकों से नीचे गिर चुकी है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी वार्षिक रिपोर्ट में प्रदेश की प्रमुख नदियों में बढ़ते जल प्रदूषण की गंभीर स्थिति सामने आई है।
इसके अनुसार प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 210.5 मिलियन लीटर प्रदूषित पानी उत्पन्न हो रहा है। प्रदेश में स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की क्षमता मात्र 119.5 मिलियन लीटर प्रतिदिन है। इसमें से भी केवल 80.8 मिलियन लीटर का ही सही ढंग से निदान हो पा रहा है। करीब 129.7 मिलियन लीटर गंदा पानी प्रतिदिन बिना शोधन के नदियों में बहाया जा रहा है। प्रदूषण के मुख्य कारणों में शहर और औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाला गंदा पानी, आंशिक रूप से शुद्ध किया गया सीवरेज और कृषि से निकलने वाला रासायनिक कचरा शामिल है।
रिपोर्ट के अनुसार ब्यास नदी की जल गुणवत्ता में लगातार गिरावट आ रही है। मनाली के ऊपर की ओर स्थित हिस्सों में पानी की गुणवत्ता अपेक्षाकृत ठीक पाई गई है लेकिन मनाली के नीचे के हिस्सों में यह बेहद खराब हो चुकी है। यहां की जल गुणवत्ता को सी श्रेणी में रखा गया है। नदी में कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की मात्रा खतरे के स्तर से अधिक पाई गई है। यह बैक्टीरिया मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।बद्दी और कालाअंब से निकलने वाले अपशिष्ट से सिरसा नदी की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है। सिरसा नदी के कई हिस्सों में बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड का स्तर राष्ट्रीय मानकों से कई गुना अधिक पाया गया।
सिरसा नदी में बीओडी का स्तर अधिक होने के कारण पानी में घुली ऑक्सीजन की मात्रा खतरनाक रूप से कम हो गई है, जिससे जलीय जीवों के लिए यह स्थिति घातक हो सकती है।गिरी और अश्विनी खड्ड जैसी छोटी नदियों में भी जल प्रदूषण की समस्या गंभीर होती जा रही है। रिपोर्ट में अश्विनी खड्ड के पानी को गंभीर रूप से प्रदूषित पाया गया, विशेषकर उस स्थान पर जहां शहरी नालों का गंदा पानी नदी में मिलता है। इस नदी के पानी में बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड और कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की मात्रा मानकों से कई गुना अधिक पाई गई, जिससे इसे ‘सी’ श्रेणी में रखा गया है, जो जल की अत्यधिक खराब गुणवत्ता को दर्शाता है।रिपोर्ट में नदियों में जल गुणवत्ता की विस्तृत जांच की गई है। जल की गुणवत्ता का आकलन राज्य के विभिन्न हिस्सों में चयनित 243 स्थानों पर किया गया। इसमें 191 नदी जल, 52 भूजल और अन्य जल स्रोत शामिल हैं।
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