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आखिर किस मामले को लेकर राज्य बिजली बोर्ड करेगा पुनर्विचार,जानिए

                                           इस मामले पर सकारात्मक फैसला लेने के संकेत

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

राज्य बिजली बोर्ड में समाप्त किए विभिन्न श्रेणियों के 51 पदों सहित 81 आउटसोर्स चालकों की सेवाएं समाप्त करने के फैसले पर पुनर्विचार होगा। शुक्रवार को राज्य सचिवालय में ऊर्जा सचिव राकेश कंवर के साथ हुई कर्मचारियों और अभियंताओं के संयुक्त मोर्चा की बैठक में इस बाबत सहमति बनी है। 

पूह से काजा 66 केवी लाइन का निर्माण बोर्ड से लेकर संचार निगम को देने का फैसला भी बदल सकता है। ऊर्जा सचिव ने इस मामले पर सकारात्मक फैसला लेने के संकेत दिए।मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशों पर शुक्रवार दोपहर बाद सचिवालय में ऊर्जा सचिव राकेश कंवर और विशेष ऊर्जा सचिव अरिंदम चौधरी ने बोर्ड प्रबंधन की मौजूदगी में संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बिजली बोर्ड प्रबंधन की ओर से निदेशक एमजी शर्मा, मनोज उपरेती और कार्यकारी निदेशक ईशा ठाकुर ने भाग लिया। 


संयुक्त मोर्चा की ओर से लोकेश ठाकुर, हीरा लाल वर्मा तथा अन्य 9 पदाधिकारी बैठक में शामिल हुए। मोर्चा के सह संयोजक हीरालाल वर्मा ने बताया कि 66 केवी लाइन पूह से काजा का निर्माण कार्य बिजली बोर्ड से छीन कर संचार निगम को दे दिया गया है। इस फैसले का बैठक में विरोध किया गया। बैठक में सहमति बनी कि इस फैसले पर दोबारा चर्चा की जाएगी।उन्होंने कहा कि संभावना है कि यह फैसला बदलेगा। बैठक में बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन के फैसले को लागू करने की मांग को संयुक्त मोर्चा ने जोरदार तरीके से रखा। इस पर ऊर्जा सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री प्रदेश में पुरानी पेंशन लागू करने बारे बचनबद्ध है और विश्वास जताया कि शीघ्र ही बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन लागू कर दी जाएगी। इसके अतिरिक्त बोर्ड में 1030 टीमेट के पदों को भरने बारे भी सहमति बैठक में बनी है। 


इन पदों को दैनिक वेतन पर भरा जाएगा। संयुक्त मोर्चा को आश्वस्त किया गया कि कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिशों को उनके साथ चर्चा कर सहमति से ही लागू किया जाएगा।सरकार से मांगों पर सहमति बनने के बाद बिजली बोर्ड के कर्मचारी आज से केवाईसी का काम करना शुरू कर देंगे। इसके तहत उपभोक्ताओं के घर जाकर उनके आधार और राशन कार्ड की जानकारी जुटाई जाएगी। प्रबंधन ने 31 अक्तूबर तक इस काम को खत्म करने का फैसला लिया था, लेकिन संयुक्त मोर्चा के विरोध के बाद केवाईसी करने का काम बंद हो गया था। उपभोक्ता को सिर्फ एक बिजली मीटर पर सब्सिडी देने के लिए केवाईसी की जा रही है।



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