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आखिर मोबाइल कैसे उड़ा रहा है रात की नींदे

                                                कैसे हो रहा है व्यक्तिगत संबंधों पर भी असर

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

मोबाइल फोन ने भले ही हमारे जीवन को आसान बनाया है, लेकिन इसका ज्यादा इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों को जन्म दे रहा है। स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल से अब लोग आंखों में जलन, नींद न आना, खुजली, सर्वाइकल, मांसपेशियों में दर्द, चिड़चिड़ापन और अवसाद जैसे विकार का शिकार होने लगे हैं।

शिमला जिले में हुए एक सर्वेक्षण में फोन का ज्यादा प्रयोग करने वाले 23 फीसदी लोगों में नींद विकार और 15.3 फीसदी अवसाद-चिड़चिड़ापन पाया गया। 50 फीसदी को आंखों में जलन, खुजली, बार-बार पानी आने की समस्या है। आईजीएमसी शिमला की ओर से यह सर्वे करवाया गया। आईजीएमसी के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमित सचदेवा ने बताया कि सर्वे में शिमला जिले के 400 व्यस्क लोगों को शामिल किया गया। इनमें 23 फीसदी लोगों ने नींद की समस्या के बारे में बताया।


 15.3 फीसदी लोग अवसाद और चिड़चिड़ापन की समस्या से ग्रस्त पाए गए। 97.3% लोग व्यक्तिगत मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। इनमें 42.3% लोग हर दिन 3-4 घंटे मोबाइल का उपयोग करते हैं। 21.3% सिददर्द, 10.3 सर्वाइकल और 7.8 मांसपेशियों में दर्द से जूझते पाए गए हैं।मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग पारिवारिक और व्यक्तिगत संबंधों को भी प्रभावित कर रहा है। 68.5% लोग परिवार के साथ समय बिताने के बावजूद मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं।


77.8% रात को बिस्तर पर जाने के बाद भी मोबाइल चलाते हैं। शहरी क्षेत्रों में 55.3 फीसदी लोग 2 घंटे से अधिक मोबाइल चलाते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह संख्या 70.4% है। शहरी क्षेत्र के 56 फीसदी लोग शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए मोबाइल का उपयोग करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह संख्या 40.4 फीसदी है।मोबाइल फोन के दुष्प्रभावों को नियंत्रित करने के लिए जागरुकता और नीतिगत उपायों की जरूरत है। आंखों की सुरक्षा के लिए 20-20-20 नियम (हर 20 मिनट के बाद, 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें) अपनाना होगा। 



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