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भट्ठाकुफर-लंबीधार सुरंग का निर्माण कार्य प्रगति पर

                                                  लंबीधार सुरंग निर्माण का 20 फीसदी कार्य पूरा

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

एनएच-5 कैथलीघाट-ढली फोरलेन के तहत हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में चल रहे 2,700 मीटर लंबी भट्ठाकुफर-लंबीधार सुरंग का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

 वर्तमान में सुरंग का 20 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और 2026 तक दोनों छोर मिलाने का लक्ष्य है। रोजाना पांच मीटर खोदाई की जा रही है। इस परियोजना में अत्याधुनिक टनल बोरिंग तकनीक और उच्च गुणवत्ता वाले कंक्रीट का उपयोग किया जा रहा है। सुरंग में आधुनिक वेंटिलेशन सिस्टम लगाया जा रहा है, ताकि वाहन चलाते समय यातायात सुगम और सुरक्षित रहे। परियोजना के डिजाइन में पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से इस परियोजना को मंजूरी दी गई है।


निर्माण कार्य के दौरान हरियाली संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।फ्लाईओवर का निर्माण भी तेजी से चल रहा है, जो शिमला के ट्रैफिक जाम को कम करने और वाहनों की सुचारु आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया जा रहा है। फ्लाईओवर के खंभों और स्लैब का काम लगभग पूरा हो चुका है। निर्माण कार्य में 200 से अधिक मजदूर और 80 इंजीनियर दिन-रात जुटे हुए हैं। कंपनी के प्रबंधक मानव संसाधन रनबीर चंदेल ने कहा कि यह परियोजना न केवल यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि यह राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। यह परियोजना तकनीकी और सामाजिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। निर्माण स्थल पर आधुनिक मशीनरी और उपकरणों का उपयोग हो रहा है। 


परियोजना अधिकारियों के अनुसार सुरंग और फ्लाईओवर के पूरा होने से शिमला और आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। कैथलीघाट-ढली फोरलेन परियोजना दो चरणों में पूरी की जा रही है। पहले चरण में कैथलीघाट से शकराल तक 17.5 किलोमीटर लंबा फोरलेन बनाया जा रहा है। 1,844 करोड़ रुपये की लागत से इस चरण में 20 पुल, 4 सुरंगें, एक अंडरपास और एक टोल प्लाजा का निर्माण हो रहा है। दूसरे चरण में शकराल से ढली-मशोबरा जंक्शन तक 11 किलोमीटर का फोरलेन 2,070 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है। इसमें 6 सुरंगें और सात पुल, फ्लाईओवर शामिल हैं।



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