सावधानी बरतने की जरूरत नहीं तो हो सकते है ठगी का शिकार
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
इन दिनों इंटरनेट हमारे जीवन की जरूरत बन गई है। इसे इस्तेमाल करते हुए सावधानी बरतने की जरूरत है, ऐसा नहीं होने पर किसी के साथ भी ठगी हो सकती है।
चालाक लोग, ओटीपी, लिंक खोलने, लॉटरी और दूसरी चीजों का झांसा देकर बैंक खाता खाली कर देते हैं। राजकीय उच्च विद्यालय मलगांव में वीरवार को अमर उजाला फाउंडेशन के सौजन्य से आयोजित पुलिस की पाठशाला कार्यक्रम में यह जानकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक योगेश रोल्टा ने दी।एएसपी योगेश रोल्टा ने छात्र-छात्राओं को साइबर क्राइम, यातायात व नशे पर सचेत किया। उन्होंने कहा कि ठगी हो जाने पर लोग शर्म के मारे पुलिस के पास आने में देरी कर देते हैं, जो समस्या को जटिल कर देता है। इससे पुलिस के पास भी फिर कोई चारा नहीं रहता। उन्होंने कहा कि यदि ठगी हो जाए तो तुरंत पुलिस के पास आएं ताकि हम खाता ब्लॉक करवाकर पैसे वापस दिलवा सकें।
इससे पूर्व मुख्य अध्यापिका शालू परमार ने उजाला फाउंडेशन के कार्यक्रम के मुख्यातिथि योगेश रोल्टा को मफलर और मुमेंटो देकर सम्मानित किया।एएसपी योगेश रोल्टा ने साइबर क्राइम को बहुत ही सरल और रोचक ढंग से बच्चों के समक्ष रखा। उन्होंने बच्चों को बताया कि ठग किस प्रकार लिंक, फ्राड कॉल, इनाम का लालच देकर लोगों को अपने चुंगल में फंसाकर ठगी कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके युवाओं को दोस्ती के नाम पर किस प्रकार अपनी चुंगल में फंसाते हैं, इसके बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि बच्चे सोशल मीडिया पर अपनी बातें किसी भी अनजान से शेयर नहीं करें।
उन्होंने टैक्नालाजी का इस्तेमाल अपनी पढ़ाई और ज्ञान बढ़ाने के लिए ही करने की अपील की। उन्होंने यातायात नियमों को भी बच्चों से सांझा करते हुए सभी से उनका पालन करने का आह्वान किया।एएसपी ने विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नशे से बुरी चीज कोई दूसरी नहीं है। आस-पड़ोस में कोई बच्चा नशा कर रहा है तो उसके घर और स्कूल में जरूर जानकारी दें, ऐसा करना हमारा सामाजिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि यदि नशा करना ही है तो पढ़ाई, खेल और अच्छे कामों का करो। मुख्य अध्यापिका शालू परमार ने बच्चों से कार्यक्रम से मिली जानकारी घर, पड़ोस और दोस्तों से भी सांझा करने की अपील की।
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