एचआरटीसी की खटारा बसों में सफर जोखिमभरा
कुल्लू,ब्यूरो रिपोर्ट
दुर्गम क्षेत्रों में हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की खटारा बसों में सफर जोखिमभरा हो गया है। कई बार बसें आधे रास्ते में हांफ चुकीं और कई बार बसों के इंजन में आग लग गई। इसके बावजूद सरकार को निगम गंभीर नहीं है।
शुक्रवार को आनी उपमंडल में सुबह दो अलग-अलग जगह एचआरटीसी की बसों में तकनीकी खराबी आने से हादसे होते-होते टल गए। एक बस की ब्रेक फेल हो गई, तो दूसरी बस की शाफ्टें ही बाहर निकल गईं।पहला मामला, सुबह 9 बजे एनएच-305 पर आनी से करीब 5 किलोमीटर आगे बानीगाड के पास सामने आया। जूहड़ से आनी की ओर आ रही एचआरटीसी की बस की अचानक ब्रेक फेल हो गई। यह बस जब बानीगाड के पास पहुंची, तो ड्राइवर ने सामने पास देने के लिए रुकी थनोग से कुल्लू जा रही दूसरी एचआरटीसी बस को पास देने के लिए ब्रेक लगाया, लेकिन ब्रेक फेल हो गई और बस सामने खड़ी दूसरी बस से टकरा गई।
इस बस में करीब 63 सवारियां सवार थीं। हालांकि, ड्राइवर की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया। टक्कर में चार सवारियों को हल्की चोटें आईं हैं, जिन्हें उपचार के लिए आनी अस्पताल ले जाया गया। इससे पूर्व कुल्लू जा रही बस ने कोहिला को आनी से आ रही बस को पास दिया। जब जूहड बस आई तो बस में ब्रेक न लगने के कारण दोनों बसें आपस में टकरा गईं।दूसरा मामला, सुबह 10 बजे सामने आया। एचआरटीसी की बस जाबो से आनी की ओर आ रही थी। कराणा से दो किलोमीटर आगे पनेई के पास चलती बस की शाॅफ्ट का नट अपने-आप खुल गया और शाफ्ट सड़क पर नीचे जा गिरी, जिससे बस वहीं रुक गई।
संयोगवश, जिस जगह बस रुकी वह सड़क समतल थी, वरना बड़ा नुकसान हो सकता था। यह बस रामपुर डिपो से वीरवार को ही मरम्मत कर भेजी गई थी, जिससे एचआरटीसी की मरम्मत प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लगातार तकनीकी खामियों के चलते यात्रियों में दहशत और नाराजगी का माहौल है।पहली घटना में ब्रेक फेल होने की जानकारी मिली है और दूसरी घटना में शाफ्ट का नट खुलने की बात सामने आई है। मामले की जांच के लिए मेकेनिक को भेजा गया है और रिपोर्ट आने के बाद ही पूरी जानकारी मिल पाएगी।
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