हिमाचल में संयुक्त किसान मंच ने प्रधानमंत्री मोदी को भेजा पत्र
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
तुर्किये के सेब आयात को बंद करने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। हिमाचल प्रदेश संयुक्त किसान मंच ने मंगलवार को शिमला राजभवन में राज्यपाल से मिलकर प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भेजा है।
इसमें तुर्किये के सेब आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। हाल ही में भारत पाक के बीच बने युद्ध जैसे माहौल में तुर्किये ने पाकिस्तान को ड्रोन दी और खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया, जिसके बाद देश व प्रदेश के लोगों ने तुर्किये का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है।हिमाचल प्रदेश संयुक्त किसान मंच के अध्यक्ष हरीश चौहान ने कहा कि तुर्किये के सेब आयात होने से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के बागवानों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है। तुर्किये के सेब आयात पर केंद्र सरकार को तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए क्योंकि भारत पाक के बीच जब युद्ध की स्थिति थी, तो तुर्किये ने दुश्मन देश का साथ दिया, जो देश के लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे।
मंच के संयोजक हरीश चौहान ने राज्यपाल को अवगत करवाया कि भारत वर्तमान में लगभग 44 देशों से सेब आयात करता है, जिसमें तुर्किये भारत को प्रतिवर्ष लगभग 1.29 लाख मीट्रिक टन सेब निर्यात करता है। उन्होंने कहा कि तुर्किये भारत को सेब निर्यात से लगभग 800 से 1,000 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ अर्जित करता है।हिमाचल प्रदेश में सेब उद्योग के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए चौहान ने बताया कि राज्य में प्रतिवर्ष 6 से 10 लाख मीट्रिक टन सेब का उत्पादन होता है तथा लगभग 3 से 4 लाख परिवार प्रत्यक्ष रूप से इस क्षेत्र पर निर्भर हैं।संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने बताया कि उन्होंने पीएम को भेजे पत्र में यह मांग भी उठाई है कि अमेरिका और ईरान के सेब पर आयात शुल्क बढ़ाया जाए। चौहान ने कहा कि अमेरिका ने हाल ही में ट्रैरिफ नीति से भारतीय से अमेरिका में निर्यात होने वाली वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाया है।से में भारत को भी अमेरिका से आयात होने वाले सेब पर आयात शुल्क बढ़ाना चाहिए, ताकि हिमाचल के बागवानों को फायदा मिल सके।
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