भर्ती की लिखित परीक्षा में पास करवाने की एवज में राशि देने की बात कही
काँगड़ा,रिपोर्ट नेहा धीमान
हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती फर्जीवाड़ा और पेपर लीक मामलों में आरोपी विक्रम और बलविंद्र उर्फ सोनू जरयाल की संलिप्तता के चलते इस बार अभ्यर्थियों ने स्वयं इनसे संपर्क किया था। उन्हें कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा में पास करवाने की एवज में राशि देने की बात कही।
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपियों से 36 अभ्यर्थी संपर्क में आए। जिनसे आरोपियों ने परीक्षा पास करवाने की एवज में चार लाख रुपये की डील फाइनल की।इसमें से करीब 25 अभ्यर्थियों ने ही आरोपियों को 50 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये दिए, जो जवाली और चंबा जिला से संबंधित हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपियों और अभ्यर्थियों ने यह बयान पुलिस को दिए हैं। पुलिस जांच में एक और नाम भी सामने आया है। इसमें पुलिस पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हो चुका युवक भी दोबारा अभ्यर्थियों को फंसाने का काम कर रहा था।इस युवक को आरोपियों ने अभ्यर्थियों को उनको पास लाने के लिए कहा. जिसके लिए कमीशन देने की बात हुई थी। वहीं, जांच में यह भी सामने आया है कि 15 जून को पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा से दो दिन पहले ही अभ्यर्थियों को जसूर में बुलाया था।
इन्हें परीक्षा के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर सचेत किया। इसमें अभ्यर्थियों को मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करने और किसी से भी बात न करने को कहा गया।आरोपियों की ओर से अभ्यर्थियों को दो दिन पहले ही जसूर में बुलाए जाने के चलते कुछ को उन पर शक हुआ और वह वहां नहीं पहुंचे। संदेह के आधार जिन अभ्यर्थियों से पूछताछ की गई है। उन्होंने भी बताया है कि वह परीक्षा के दिन सीधे परीक्षा केंद्र पर ही पहुंचे। हालांकि, पुलिस जांच में अभी तक पेपर लीक को लेकर कोई भी साक्ष्य पुलिस को नहीं मिला है।इसमें अभ्यर्थियों के साथ ठगी होने और आरोपियों ने भी पैसे लेने की बात को कबूल किया है। उधर, एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि इस ठगीमामले में साक्ष्य के आधार पर मामले की जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। जांच में सामने आया है कि अभ्यर्थियों ने आरोपियों से संपर्क किया। पेपर लीक के संबंध में अभी साक्ष्य नहीं मिले हैंं, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच सभी बिंदुओं पर जारी है।
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