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शिक्षकों की सेवानिवृत्ति साल में एक बार करने का फैसला अगली कैबिनेट बैठक में

                                            अधर में लटकी बिजली परियोजनाओं को विशेष छूट देने की तैयारी

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों को साल में सिर्फ एक बार 31 मार्च को ही सेवानिवृत्त करने का फैसला कैबिनेट की आगामी बैठक में होगा। शनिवार को शिक्षा विभाग ने मंत्रिमंडल को इस बारे में प्रस्तुति दी। 

शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर कुछ मंत्रियों की ओर से सुझाव दिए गए हैं। कुछ अन्य जानकारियां भी मांगी गई हैं। अब मंत्रियों से मिले सुझावों के आधार पर दोबारा से प्रस्ताव बनाया जाएगा। एक साल के भीतर कुल कितनी सेवानिवृत्तियां हाेती हैं। किस माह में अधिक सेवानिवृत्ति के मामले सामने आते हैं। 31 मार्च या अन्य कौन से तारीख को सेवानिवृत्त किया जाना चाहिए।इन जानकारियों को शामिल कर शिक्षा विभाग को प्रस्ताव बनाने के लिए कहा गया है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो शिक्षकों की सेवानिवृत्ति 58 की जगह 59 साल में होगी। स्कूलों में पढ़ाई का माहौल बनाए रखने को विश्वविद्यालय की तर्ज पर सेवानिवृत्ति करने की योजना बनाई गई है। शैक्षणिक सत्र के बीच में शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने से कई स्कूलों में पूरा साल कई पद रिक्त ही रहते हैं। 


शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सेवानिवृत्ति को लेकर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की तर्ज पर अब स्कूलों में भी साल में एक बार ही सेवानिवृत्त करने की योजना है।राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान ऊर्जा विभाग ने 20 से 25 वर्षों से अधर में लटकीं बिजली परियोजनाओं पर प्रस्तुति दी। किन कारणों से परियोजनाएं सिरे नहीं चढ़ पा रही हैं, इससे मंत्रिमंडल को अवगत कराया गया। निविदाएं आमंत्रित करने के बाद निवेशकों के न आने के कारणों की भी जानकारी दी गई। बैठक में फैसला लिया गया कि इन लंबित परियोजनाओं को विशेष छूट देने के लिए नया प्रस्ताव बनाया जाए। मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में ऊर्जा विभाग की ओर से इस बारे में अब प्रस्ताव लाया जाएगा। बिजली परियोजनाओं से ली जाने वाली रायल्टी को लेकर निवेशकों का क्या रुख है, इसकी जानकारी भी अगली बैठक में देने को कहा गया है। कौन सी परियोजना कितने साल से और किन कारणों से अटकी है, सीएम ने अगली बैठक में इस बाबत पूरा ब्योरा लाने को कहा है।




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