उद्योगपतियों को राहत देने की भी तैयारी
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश सरकार उद्योगपतियों को राहत देने की तैयारी है। नया उद्योग स्थापित करने के लिए अब दो महीने के भीतर सभी क्लीयरेंस मिल जाएंगी। प्रदेश में उद्योग स्थापित होने से न केवल निवेश बढ़ेगा, बल्कि इससे हजारों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पर भी मिलेंगे।
इसके अलावा सरकार उद्योगों का पलायन रोकने के लिए उद्योगपतियों को औद्योगिक इकाइयों के विस्तार करने पर जोर दे रही है। सूबे में इस समय 30 हजार के करीब छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में उद्योगों की अहम भूमिका रहती है। ऐसे में निवेशकों को सभी औपचारिकताओं को बहुत कम समय में पूरा किया जाएगा। प्रदेश सरकार निवेशकों को फ्रेंडली एनवायरनमेंट बनाने के प्रयास में लगी है।सरकार एक उच्च स्तरीय बोर्ड गठित कर रही है, जो राज्य के औद्योगिक क्षेत्र से संबंधित सभी पहलुओं पर विचार करेगा। इसके लिए नियमित रूप से बैठकें होंगी और सभी मुद्दों को सही तरीके से हल किया जाएगा।
हिमाचल में वर्ष 2024-25 में 149 औद्योगिक प्रस्तावों को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की गई है, जिसमें 3,084 करोड़ का निवेश होगा। प्रदेश में 15 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। प्रदेश सरकार हरित ऊर्जा, सौर ऊर्जा, दुग्ध उत्पादन व इलेक्ट्रिक व्हीकल जैसे क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित करने के लिए कार्यक्रम करवाएगी। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि निर्धारित समय में उद्योगपतियों को क्लीयरेंस दी जा रही है। सूबे में ज्यादा से ज्यादा उद्योग स्थापित हों, इस पर सरकारी स्तर पर प्लानिंग चल रही है।उद्योग विभाग के पास बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़, सिरमौर और ऊना में सैकड़ों प्लॉट हैं। उद्योग लगाने के लिए इन प्लॉटों को लीज पर दिया जा रहा है। उद्योगपतियों को निवेश करने के लिए उद्योग विभाग की एक टीम जगह का निरीक्षण करा रही है।
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