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ड्रग फ्री हिमाचल एप और टोल-फ्री नशा निवारण हेल्पलाइन नंबर 1908 लॉन्च

                                    रेरा दफ्तर धर्मशाला शिफ्ट करने पर हिमाचल हाईकोर्ट ने लगाई रोक

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने रेरा के दफ्तर को शिमला से धर्मशाला शिफ्ट करने वाली राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावलिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने सरकार को इस मामले में अपना जवाब दायर करने के लिए कहा है। प्रदेश सरकार की ओर से महाधिवक्ता अनूप रतन कोर्ट में पेश हुए। याचिकाकर्ता की ओर से रेरा मामले में जल्दी सुनवाई के लिए एक आवेदन दायर किया गया था। 

बता दें कि रेरा कार्यालय को धर्मशाला शिफ्ट करने की अधिसूचना को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इसे लेकर याचिकाकर्ता नरेश शर्मा की ओर से हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।वहीं, दूसरी जनहित याचिका में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना के कार्यकाल को चुनौती देने वाली याचिका पर भी सुनवाई हुई। इन दोनों मामलों की अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी। याचिकाओं में रेरा कार्यालय में वर्तमान में 34 कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनमें से 18 आउटसोर्स, ड्राइवर और अन्य चतुर्थ श्रेणी पद पर काम कर रहे हैं। याचिका में बताया गया है कि कार्यालय के शिफ्ट होने की वजह से इन कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न होगी। इतने कम वेतन में धर्मशाला में काम करना मुश्किल हो जाएगा। याचिका में कहा गया है कि रेरा से संबंधित सबसे ज्यादा मामले बद्दी, बरोटीवाला, सोलन और शिमला में दर्ज होते हैं। सरकार ने 13 जून को कार्यालय को शिफ्ट करने की अधिसूचना जारी की है। इसी अधिसूचना पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है।प्रदेश में एनडीपीएस कानून के तहत दायर मामलों में जिला शिमला नंबर वन पर है। हाईकोर्ट में यह जानकारी पुलिस महानिदेशक की ओर से दायर हलफनामे में दी गई है। 

हलफनामे में बताया गया है कि पिछले पांच वर्षों में राज्य में एनडीपीएस मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। वर्ष 2023 में एनडीपीएस के कुल 2147 मामले दर्ज किए गए है, जिनमें सर्वाधिक मामले जिला शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में थे। हालांकि, हलफनामे में यह भी बताया गया है कि 30 अप्रैल 2025 में एनडीपीएस मामलों में कुछ कमी आई है, कुल 783 मामले दर्ज हुए हैं।हलफनामे में बताया गया कि ड्रग्स की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने ड्रग फ्री हिमाचल एप और टोल-फ्री नशा निवारण हेल्पलाइन नंबर 1908 जैसे कई पहलें शुरू की गई हैं। इसके अतिरिक्त बार-बार नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ मन प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यापार निवारण अधिनियम 1988 के तहत निरोधक प्राधिकारी और सलाहकार बोर्ड को अधिसूचित किया गया है। प्रत्येक पुलिस थाना स्तर पर नशा निवारण समितियां भी स्थापित की गई हैं, जो छात्रों और जनता के बीच जागरूकता बढ़ाती हैं और पुलिस को कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी प्रदान कर मादक पदार्थों की  जब्ती और तस्करों की गिरफ्तारी में सहायता करती हैं। अदालत ने यह संज्ञान दायर याचिकाओं पर लिया है। 


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