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बादल फटने, भूस्खलन से 282 सड़कें बाधित

                                                      कई भागों में सात दिन भारी बारिश का अलर्ट

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश में बादल फटने, भूस्खलन से कई क्षेत्रों में सड़कें व बिजली-पानी की आपूर्ति ठप है। बुधवार सुबह 10:00 बजे तक 282 सड़कें आवाजाही के लिए बंद रहीं। 1361 बिजली ट्रांसफार्मर व 639 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं। 

मंडी जिले में सबसे अधिक 182, कुल्लू 37, शिमला 33 व सिरमाैर जिले में 12 सड़कों पर आवाजाही बाधित रही। उधर, मानसून सीजन बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन से 20 जून से 1 जुलाई तक 51 लोगों की माैत हो चुकी हैं। 103 घायल हुए हैं और 22 लापता हैं। अब 28,339.81 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। सोमवार रात को बादल फटने से मंडी में 16 लोगों समेत पूरे प्रदेश में 18 की जान चली गई है। 33 लोग अभी लापता हैं। दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। 332 लोगों को जगह-जगह से रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई गई है। अकेले मंडी जिले में 24 घर और 12 गोशालाएं जमींदोज हो गई हैं। 30 पशुओं की मौत हो गई है। कुकलाह के समीप पटीकरी प्रोजेक्ट बह गया है। कई पुल ध्वस्त हो गए हैं।  

लापता लोगों की तलाश के लिए एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमें अभियान चला रही हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू आज दोपहर धर्मपुर क्षेत्र के लौंगणी तथा धर्मपुर में भारी बारिश व बादल फटने की घटना से प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री  प्रभावित परिवारों से मुलाकात भी करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री 2.30 बजे सोलन के प्रस्थान करेंगे।नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को बगलामुखी रोपवे से बादल फटने से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने सेटेलाइट फोन के माध्यम से एसडीएम थुनाग से बात की। यहां थुनाग से आगे टेलीफोन सेवाएं बाधित हैं। इस कारण कहीं बात नहीं हो पा रही है। जयराम ठाकुर ने भूस्खलन और बाढ़ के कारण फंसे लोगों और पर्यटकों को सुरक्षित निकालने और खाने का प्रबंध करने को कहा। साथ ही लापता लोगों की खोज और पीड़ित परिवारों से तालमेल से बचाव एवं राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।


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