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31 जनवरी 2026 तक अचल संपत्ति रिटर्न नहीं भरने पर कार्रवाई की जाएगी

                                                    रिटर्न नहीं भरने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश में कार्यरत अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों पर 31 जनवरी 2026 तक अचल संपत्ति रिटर्न नहीं भरने पर कार्रवाई की जाएगी। केंद्र सरकार ने आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों को स्पैरो पोर्टल पर ऑनलाइन आईपीआर दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

निर्देशों का अनुपालन न करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। पदोन्नति के लिए अयोग्य करार देने की चेतावनी भी दी गई है।मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने इस बाबत प्रदेश के सभी प्रशासनिक सचिवों को पत्र जारी कर दिया है। कार्मिक विभाग की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि अचल संपत्ति रिटर्न दाखिल करना हर वर्ष अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों के लिए कानूनी और प्रशासनिक दायित्व है। यह पारदर्शिता, जवाबदेही और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य प्रक्रिया है। स्पैरो पोर्टल के माध्यम से यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल कर दी गई है, जिससे न केवल जवाबदेही तय होती है, बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ती है।

31 जनवरी 2026 तक आईपीआर न भरने वाले अधिकारी पदोन्नति, विदेशी प्रशिक्षण, संवैधानिक व प्रतिष्ठित पदों के लिए विचार योग्य नहीं रहेंगे। यह स्थिति ऑल इंडिया सर्विस (कंडक्ट) नियमों के उल्लंघन की श्रेणी में मानी जाएगी। ऐसे में अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है।यह जानकारी संबंधित अधिकारी की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एपीएआर) में दर्ज की जाएगी, जो सेवा रिकॉर्ड का अहम हिस्सा होती है। हिमाचल प्रदेश सरकार के कार्मिक विभाग ने इस संदर्भ में सभी विभागों को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं कि वे राज्य में कार्यरत सभी अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों को स्पैरो पोर्टल के माध्यम से समय पर आईपीआर दाखिल करने के लिए निर्देशित करें। विभागों से कहा गया है कि वे इसकी निगरानी और समय-समय पर फीडबैक रिपोर्ट भी भेजें। 31 जनवरी 2026 की समयसीमा को गंभीरता से न लेने वाले अधिकारियों को कॅरिअर में रुकावटों का सामना भी करना पड़ सकता है।

 

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