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बल्क ड्रग पार्क परियोजना में साइट टेंडर रोकने को लेकर दायर याचिका को खारिज

                  एक बड़े टेंडर में तकनीकी बोली अपलोड न कर पाने के कारण याचिका दायर की गई

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ऊना में बल्क ड्रग पार्क परियोजना में साइट टेंडर रोकने को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है। एक बड़े टेंडर में तकनीकी बोली अपलोड न कर पाने के कारण याचिका दायर की गई थी। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने कहा कि ई-पोर्टल में कोई तकनीकी खराबी नहीं थी।

अदालत ने पाया कि यदि तकनीकी खामी याचिकाकर्ता के स्तर पर थी तो निगम को इसकी तकनीकी बोली पर विचार करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। इसे लेकर न्यू इंडिया कांट्रेक्टर एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। दरअसल इस कंपनी ने टेंडर खोलने पर तब तक रोक लगाने का आग्रह किया था, जब तक प्रार्थी कंपनी की टेक्निकल बिड यानी तकनीकी निविदा को ऑनलाइन स्वीकार नहीं कर लिया जाता। हाईकोर्ट ने कंपनी की इस संदर्भ में दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया। इससे पूर्व भी हाईकोर्ट ने 4 मई को इसी याचिका को खारिज किया था। 

तब हाईकोर्ट ने कहा था कि चूंकि टेंडर पहले से ही संसाधित यानी प्रोसेस्ड हो चुका है और तकनीकी बिड्स का मूल्यांकन किया जा रहा है, लिहाजा यह याचिका जो सिर्फ 3 जून को ही दाखिल की गई है और स्पष्ट रूप से विलंबित है, जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया था।हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 20 जून को पारित आदेश में हाईकोर्ट को इस मामले पर मेरिट के आधार पर दोबारा फैसला लेने के आदेश जारी किए थे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला आने तक 287 करोड़ रुपए के इस कार्य के लिए वित्तीय बोलियों को खोलने पर भी रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद हाईकोर्ट ने फिर से मेरिट पर फैसला सुनाते हुए प्रार्थी कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया है।


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