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शहरी विकास विभाग ने रोकी आरक्षण रोस्टर प्रक्रिया

                                              आपत्ति जताते हुए तुरंत आदेश वापस लेने की हिदायत जारी 

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश में इस साल होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर गुरुवार दोपहर शहरी विकास विभाग ने आरक्षण रोस्टर प्रक्रिया रोकने के आदेश जारी किए। शाम को राज्य चुनाव आयोग ने इस पर आपत्ति जताते हुए तुरंत आदेश वापस लेने की हिदायत जारी कर दी। राज्य चुनाव आयोग ने इसे लेकर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पहले से तय व्यवस्था बहाल रखने के निर्देश दिए। 

चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि सांविधानिक प्राधिकरण की ओर से जारी कार्यक्रम स्थगित करने की शक्तियां शहरी विकास विभाग के पास नहीं है। इसलिए तत्काल आदेश वापस लेकर राज्य चुनाव आयोग को सूचित किया जाए। राज्य चुनाव आयोग ने दो माह पहले हिमाचल के नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पंचायतों में वार्ड पुनर्सीमांकन और आरक्षण रोस्टर को लेकर कार्यक्रम जारी किया थाइन आदेशों के तहत सभी जिलों के उपायुक्तों को 68 नगर निकाय में 11 जुलाई तक और पांच नगर निगम को 15 जुलाई तक हर हाल में वार्डों का पुनर्सीमांकन और आरक्षण रोस्टर तय करने को कहा था। इस बीच, गुरुवार को शहरी विकास विभाग के सचिव ने सभी जिला उपायुक्तों को आरक्षण रोस्टर प्रक्रिया स्थगित करने को लेकर पत्र जारी कर दिया। 

हवाला दिया गया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समुदायों के मतदाताओं की वास्तविक संख्या पर नवीनतम जनगणना डेटा उपलब्ध नहीं होने के कारण यह फैसला लिया गया है।राज्य चुनाव आयोग ने साल 2011 के जनगणना आंकड़ों के आधार पर आरक्षण रोस्टर लगाने के निर्देश जारी कर रखे हैं, क्योंकि 2021 में कोरोना के कारण जनगणना नहीं हो पाई थी। राज्य चुनाव आयोग ने सरकार को सभी जिलों को तय कार्यक्रम के हिसाब से आरक्षण रोस्टर तय करने के आदेश दिए हैं। प्रदेश में शिमला नगर निगम को छोड़कर सभी नगर निकायों में इसी साल चुनाव होने हैं। यह चुनाव 7 नगर निगम, 29 नगर परिषद और 37 नगर पंचायत में होने हैं। शहरी निकाय के साथ-साथ 3600 से ज्यादा पंचायतों में भी चुनाव होने हैं।


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