पेड़ काटने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार फलों से लदे सेब के पेड़ों को काटने के पक्ष में नहीं है। हिमाचल हाईकोर्ट को सेब के पेड़ों की नीलामी के लिए प्रदेश सरकार को उचित समय देना चाहिए। इस फैसले के खिलाफ हिमाचल सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है। इससे पहले मामले में कानूनी पहलुओं को समझने और राय लेने के लिए बागवानी मंत्री सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में किस आधार पर जाना है, इन सभी कानूनी पहलुओं पर विचार कर ही आगे बढ़ेंगे।
वीरवार को शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में सुक्खू ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के नेतृत्व में राज्य सरकार आपदा राहत के लिए कहीं भी जाने को तैयार है। वह चाहते हैं कि आपदा प्रभावित परिवार जिनकी जमीनें और बगीचे बह गए हैं, उनके लिए कम से कम पांच बीघा जमीन वन अधिकार अधिनियम के तहत देने की अनुमति दी जाए। नई दिल्ली में बैठक कर उन्होंने आपदा से हुए नुकसान के संबंध में विस्तृत चर्चा की है और सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में कोई श्रेय नहीं चाहती है और नड्डा के नेतृत्व में आपदा प्रभावित लोगों के कल्याण के लिए प्रदेश हित के मुद्दे उठाने को तैयार है। सीएम ने कहा, राज्य सरकार हाल ही में आई आपदा के कारण प्रभावित परिवारों के लिए मंत्रिमंडल में विचार-विमर्श के बाद शीघ्र ही आपदा राहत पैकेज की घोषणा करेगी।सुक्खू ने कहा कि शिमला के भट्ठाकुफर में जमींदोज हुए भवन के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।
गडकरी से आग्रह किया है कि नेशनल हाईवे के निर्माण में स्थानीय इंजीनियरों की भी मदद ली जाए। उन्होंने भुभूजोत टनल परियोजना सहित महत्वपूर्ण अधोसंरचना निर्माण की परियोजनाओं में तेजी लाने का आग्रह किया है। कहा कि राज्य सरकार के पास सीमित संसाधन हैं, इसलिए प्रदेश सरकार ने केंद्र से विशेष राहत पैकेज की मांग की है। अभी बरसात के काफी दिन शेष हैं और प्रदेशवासियों को इस दौरान सतर्क रहने की आवश्यकता है।सीएम ने कहा कि दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर जमीनी हालात का व्यक्तिगत रूप से जायजा लेने का आग्रह किया है। शाह ने शीघ्र ही प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने का आश्वासन दिया है। राज्य सरकार ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से शिमला-मटौर फोरलेन के तहत शिमला-शालाघाट हिस्से में टनल निर्माण पर ध्यान देने का आग्रह किया है। इसके अलावा नालागढ़-पिंजौर तथा नालागढ़-गड़ामोड़ सड़क परियोजना के निर्माण में तेजी लाने सहित ढली सैंज फोरलेन परियोजना का रामपुर तक विस्तार करने का आग्रह किया गया है। मुख्यमंत्री ने 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष से राज्य की उदार सहायता करने का आग्रह किया।
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