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सेब बागवानों के लिए राहत की खबर

                                                             सेब का न्यूनतम आयात मूल्य 80 रुपये तय

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

सेब बागवानों के लिए राहत की खबर है। केंद्र सरकार ने सेब का न्यूनतम आयात मूल्य 50 रुपये प्रतिकिलो से बढ़ा कर 80 रुपये प्रतिकिलो तय कर दिया है। बागवान संगठनों का दावा है कि एक-दो दिन में इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। 

सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए केंद्र ने आयात नीति में संशोधन कर न्यूनतम आयात मूल्य (एमआईपी) में बढ़ोतरी की है। विदेशी सेब के कारण हिमाचल के सेब उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। न्यूनतम 80 रुपये आयात मूल्य लागू होने से आयात शुल्क जुड़ने के बाद भारत में विदेशी सेब न्यूनतम 130 रुपये प्रतिकिलो के दाम पर पहुंचेगा। साउथ एशियन फ्री ट्रेड कंट्रीज (साफ्ता) के जरिये सेब के अवैध आयात पर यदि रोक लगे तो केंद्र सरकार का यह फैसला हिमाचल के सेब बागवानों के लिए अधिक लाभप्रद साबित होगा।भारी मात्रा में ईरान का सेब अफगानिस्तान के नाम पर पाकिस्तान होते हुए बिना आयात शुल्क भारत पहुंचता है। प्रोग्रेसिव ग्रोवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि उनका संगठन लंबे समय से एमआईपी बढ़ाने की लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बीते सप्ताह की एमआईपी 50 से 80 रुपये करने के लिए आश्वस्त कर दिया था, लेकिन बागवानों के हित में हमारी मांग इसे 100 रुपये प्रतिकिलो करने की है। 

हालांकि 30 रुपये की बढ़ोतरी से भी हिमाचल के सेब बागवानों को बड़ी राहत मिलेगी। हिमाचल एप्पल ग्रोवर्स सोसाइटी के अध्यक्ष राजीव चौहान ने बताया कि एमआईपी में बढ़ोतरी का मामला उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य और कृषि मंत्रालय से उठाया था। उन्होंने कहा कि मंत्रालय की ओर से आयात मूल्य 50 से बढ़कर 80 रुपये करने को लेकर लिखित सूचना प्राप्त हुई है। फैसले से बागवान लाभान्वित होंगे। उधर, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि इस संबंध में उनके पास कोई आधिकारिक सूचना नहीं है।संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान का कहना है कि सेब का न्यूनतम आयात मूल्य 2023 में 50 रुपये किया गया था लेकिन जमीनी स्तर पर यह लागू नहीं हुआ। तुर्किये का सेब 58 रुपये प्रतिकिलो के दाम पर भारत पहुंच रहा है। केंद्र सरकार को 9 जुलाई से लागू होने वाले ट्रंप टैरिफ पर स्थिति साफ करनी चाहिए, क्योंकि चर्चा है सेव पर आयात शुल्क शून्य करने की तैयारी है।



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