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अवैध खनन से शाह नहर को हुए नुकसान पर हाईकोर्ट सख्त

                                 अदालत ने जल शक्ति विभाग से आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट भी मांगी

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कांगडा जिले के फतेहपुर और इंदौरा की सीमा पर निचले मंड क्षेत्र में अवैध खनन से शाह नहर और जमीनों को हो रहे नुकसान पर सख्त रुख अपनाया है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने शाह नहर प्रोजेक्ट प्रभाग संख्या एक संसारपुर टैरेस में कार्यरत अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) को जिले से हटाकर किसी अन्य जिले में स्थानांतरित करने के आदेश दिए हैं। 

अदालत ने जल शक्ति विभाग से आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट भी मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी।अदालत ने क्षेत्र में कोई अवैध खनन की गतिविधि न हो, इस पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। मंड क्षेत्र की सीमा देवी और अन्य निवासियों ने उच्च न्यायालय शिमला में जनहित याचिका दायर कर अवैध खनन से शाह नहर परियोजना और जमीन को नुकसान होने की शिकायत की थी। याचिका में बताया गया कि संबंधित अभियंता गड़बड़ी पैदा कर रहा है, क्योंकि वह आवश्यक कार्रवाई नहीं कर रहा है। वहीं, संबंधित क्षेत्र के खनन अधिकारी और उपमंडल अधिकारी ने उसे अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए कदम उठाने के लिए लिखा था।

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने न्यायालय को याचिका के साथ संलग्न फोटोग्राफ भी दिखाए, जिनमें बड़े वाहनों के उपयोग को दर्शाया है, जिनका उपयोग याचिकाकर्ताओं के अनुसार अवैध खनन के उद्देश्य से किया जा रहा है। इन परिस्थितियों में न्यायालय ने संबंधित क्षेत्र के मुख्य अभियंता को निर्देश दिया है कि वह एक सप्ताह के भीतर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाएं। याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि शाह नहर की अन्य नहर के नीचे से अवैध मार्ग बनाकर भारी वाहनों में रेत और पत्थर ले जाए जा रहे हैं, जिससे सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को नुकसान हो रहा है और राज्य के खजाने को भी नुकसान हो रहा है।



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