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राज्य सरकार के वित्त विभाग ने आखिर क्यों दिखाई सख्ती

                                सीएसआर फंड खर्च करने के प्रस्तावों पर लेनी होगी मुख्यमंत्री की मंजूरी

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व फंड के दुरुपयोग को रोकने के लिए राज्य सरकार के वित्त विभाग ने सख्ती दिखाई है। अब इससे संबंधित सभी व्यय प्रस्तावों के लिए मुख्यमंत्री से पूर्व अनुमति लेनी होगी। राज्य सरकार के पास कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं कि एक ही तरह के कार्यक्रमों में सीएसआर फंड और राज्य सरकार का बजट खर्च किया गया। 

कुछ कंपनियों ने तो अपने सीएसआर फंड के तहत आवंटित धनराशि को कभी-कभी उन कार्यक्रमों या गतिविधियों पर खर्च करने का दावा किया, जो पहले से ही राज्य सरकार की फंडिंग के तहत कवर थीं।हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रधान सचिव (वित्त) देवेश कुमार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार सभी प्रशासनिक सचिवों को सूचित किया गया है कि सीएसआर पहलों के लिए सभी तथ्यों और व्यय प्रस्तावों को अब निर्णय के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाना चाहिए।

वित्त विभाग की ओर से सीएसआर खर्च को मौजूदा राज्य सरकार की योजनाओं के व्यय के साथ दोहराव से बचाने और फिजूलखर्ची को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है।निर्देशों के अनुसार सरकार के संज्ञान में आया है कि कभी-कभी यह धनराशि ऐसे कार्यक्रमों और गतिविधियों पर खर्च की जाती है जिन पर राज्य सरकार की धनराशि पहले से ही खर्च की जा रही है। कभी-कभी यह धनराशि अनावश्यक मदों पर खर्च की जाती है जिससे फिजूलखर्ची होती है। सभी संबंधित विभागों से इस नए निर्देश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है।


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