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आईटीबीपी के 26 जवानों की 2 टीमें पहुंची झुगांध और ढनियार गांव

                                            थुनाग के झुगांध और ढनियार में नौ दिन बाद पहुंची आईटीबीपी

मंडी,ब्यूरो रिपोर्ट 

आईटीबीपी के 26 जवानों की 2 टीमें मंगलवार को आपदा से पूरी तरह कट चुके थुनाग क्षेत्र की पंचायत रोड़ के झुगांध और ढनियार गांव पहुंचीं। नौ दिनों से कटे गांवों में सेना के जवानों ने राशन किट, मेडिकल किट, हाईजिन किट और अन्य जरूरी वस्तुएं प्रभावितों को बांटीं। 

टीमों के साथ राजस्व विभाग के कर्मचारी और पोर्टर भी शामिल रहे।आपदा प्रभावित पंचायत धार जरोल में पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के प्रभावितों को सोमवार को प्रशासन की ओर से राहत सामग्री का वितरण किया गया था। पंचायत छतरी और बरयोगी में भी प्रभावित परिवारों तक राहत पहुंचाई। करसोग में 30 जून की रात प्राकृतिक आपदा की चपेट आने से लापता ललित कुमार का शव 8 दिन बाद करला के पास सतलुज से बरामद किया गया।इधर, आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लापता लोगों की तलाश जारी है। एनडीआरएफ की टीम मंगलवार को सराज विधानसभा क्षेत्र के लंबाथाच से पांडवशिला के बीच लापता लोगों की तलाश में जुटी रही। एनडीआरएफ के जवानों ने मंगलवार को थुनाग से पटिकरी तक लापता लोगों की खोज के लिए सर्च अभियान चलाया।

एसडीआरएफ के जवानों ने भी सर्च अभियान जारी रखा। थुनाग व इसके साथ सटे क्षेत्र में प्रभावितों को राहत सामग्री उपलब्ध करवाई गई है। नौवें दिन भी सेना के हेलिकाप्टर से राहत सामग्री जंजैहली और थुनाग क्षेत्र में पहुंचाई।मंडी जिले में आपदा से अभी तक 291 पेयजल योजनाएं ठप हैं। 151 सड़कें और 140 विद्युत ट्रासंफार्मर भी बंद चल रहे हैं। लोग अंधेरे में रात काटने को मजबूर हैं। जंजैहली जैसे कस्बे में अभी तक विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है।जिला प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार वर्षा व आपदा से 92 दुकानों को नुकसान पहुंचा है। 466 मवेशियों की मौत हो गई है। 457 पशुशालाएं क्षतिग्रस्त हुई , 466 घरों को नुकसान पहुंचा है। सेना के जवानों ने 222 लोगों को सुरक्षित निकाला है। 27 लोग अभी भी लापता है। 15 शव अभी तक बरामद हुए हैं।

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