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प्राकृतिक खेती से जुड़ेंगे सैंकड़ों गांव

                                        प्रशिक्षण के साथ खाद और छिड़काव के लिए मिलेगा अनुदान

हमीरपुर,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश में अब क्लस्टर के तहत सैंकड़ों गांवों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा। खास बात यह है कि प्रदेश में अब प्राकृतिक खेती के साथ 61,998 किसान परिवारों को प्रशिक्षित करने के साथ ही हर फसल के सीजन में तय अनुदान राशि भी प्रदान की जाएगी।

प्रदेश में 21,750 हेक्टेयर क्षेत्र को राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत लिया गया है। खास बात यह है कि अब प्राकृतिक खेती टुकड़ों में नहीं, बल्कि क्लस्टर में होगी। 435 क्लस्टर प्रदेश में विकसित किए गए हैं। कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (आत्मा) परियोजना के जरिये इस योजना को लागू किया जा रहा है। किसानों को प्रति हेक्टेयर दो-दो हजार की अनुदान राशि खरीफ और रबी सीजन में दी जाएगी।किसानों को देसी खाद और फसलों पर छिड़काव की सामग्री बनाने का प्रशिक्षण देने के लिए बकायदा एक क्लस्टर में दो-दो क्लोज रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) तैनात किए जाएंगे। 

इन मासिक पांच हजार रुपये भत्ता दिया जाएगा। प्रदेशभर में 870 सीआरपी की नियुक्ति कर दी गई है। इस योजना के तहत बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर (बीआरसी) सेंटर क्लस्टर के समीप बनाया जाएगा।इस बीआरसी में किसान के पास देसी गाय की अनिवार्यता रहेगी। यहां पर देसी खाद और प्राकृतिक खेती के लिए प्रयोग होने वाले उत्पादों को तैयार कर किसानों को उपलब्ध करवाया जाएगा। इस बीआरसी को एक लाख रुपये की अनुदान राशि दी जाएगी। यहां पर तैयार किए गए उत्पादों की बिक्री किसान की ओर से की जाएगी और सस्ती दरों पर अन्य किसानों को खाद और फसल के जरूरी प्राकृतिक छिड़काव सामग्री मिल सकेगी।

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