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धर्मगुरु दलाई लामा का 90वां जन्मदिन मनाने वालों को किया गिरफ्तार

                                                             धर्मगुरु की फोटो रखने पर पाबंदी

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

चीन ने तिब्बत में धर्मगुरु दलाई लामा का 90वां जन्मदिन मनाने वालों को गिरफ्तार किया है। जन्मोत्सव के मद्देनजर पूरे तिब्बत में सख्ती बढ़ा दी गई थी। धार्मिक अनुष्ठानों पर प्रतिबंध लगाया था। इसके लिए कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण भी नहीं दिया गया था।

फयुल समाचार की रिपोर्ट में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के हवाले से कहा गया है कि तिब्बत में विशेष रूप से निर्वासित लोगों पर नजर रखी गई। विभिन्न हिस्सों में गिरफ्तारियां हुईं हैं। 200 तिब्बतियों से परम पावन के जन्मदिन समारोहों से जुड़े होने के संदेह में पूछताछ की गई। करजे मठ में पुलिस की भारी तैनाती हुई, जिससे भिक्षुओं और भिक्षुणियों को मठ परिसर तक सीमित रखा गया। उन्हें सामुदायिक समारोह में भाग लेने से रोका गया। अधिकारियों ने घरों में धूपबत्ती जलाने और जुनिपर जलाने जैसे संगसोल अनुष्ठानों में शामिल होने पर भी सख्त नियम लागू किए।करजे के ड्राकगो काउंटी में 23 जुलाई तक सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध की घोषणा थी। कई तिब्बतियों को पारंपरिक अमदो प्रांत के बा जोंग और सिलिंग (च. शिनिंग) में गिरफ्तार किया गया। कुछ को काउंटीस्तरीय राज्य सुरक्षा केंद्रों में हिरासत में रखा गया। गिरफ्तार लोगों के परिवारों को कोई जानकारी नहीं दी गई। इतना ही नहीं निजी जन्मदिन समारोहों की तस्वीरें सार्वजनिक सुरक्षा कार्यालयों में जमा करने का निर्देश दिया गया। 

घरों में आध्यात्मिक नेता की छवियों को रखने या प्रदर्शित करने पर रोक लगाई। तिब्बत की राजधानी ल्हासा और माल्ड्रोगुंगकर समेत पूरे तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में काफी अधिक संख्या में सशस्त्र सुरक्षा बल तैनात रहे।जुलाई में चीनी अधिकारियों ने 13 जुलाई से कार्रवाई शुरू की थी। न्गाबा काउंटी स्थित न्गाबा कीर्ति मठ, जोगे काउंटी स्थित तकत्संग ल्हामो कीर्ति मठ और बरखम काउंटी स्थित ग्यालरॉन्ग त्सोदुन कीर्ति मठ पर व्यापक प्रतिबंध लगाए गए। अधिकारियों ने भिक्षुओं को 11वें कीर्ति रिनपोछे, लोबसांग तेनजिन जिग्मे येशे ग्यामत्सो रिनपोछे से जुड़ीं तस्वीरें, लेख और दस्तावेज नष्ट करने का आदेश दिया। चेतावनी दी कि किसी मठ में ऐसी सामग्री मिली तो उस पर राजनीतिक अपराध का आरोप लगाया जाएगा। चीन में यह गंभीर आरोप है। इसका इस्तेमाल अक्सर लंबी जेल की सजा समेत कठोर दंड को सही ठहराने के लिए किया जाता है।फयुल की रिपोर्ट के अनुसार चीनी अधिकारियों ने चार प्रमुख कीर्ति मठों में दार्शनिक शिक्षा की देखरेख करने वाली महत्वपूर्ण संस्था बौद्ध शैक्षिक प्रशासन समिति को निर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक नेता कीर्ति रिनपोछे से संबंध रखने का आरोप लगाते हुए भंग कर दिया। सीटीए ने कहा, ये प्रतिबंध पीआरसी की ओर से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों के व्यवस्थित उल्लंघन के प्रतीक हैं।



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