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चटोगा प्राथमिक पाठशाला का भवन जर्जर

                                                            एक कमरे में हो रही 37 बच्चों की पढ़ाई

चम्बा,ब्यूरो रिपोर्ट 

उपमंडल के चटोगा गांव की राजकीय प्राथमिक पाठशाला में स्कूल लगने के साथ ही हर रोज खतरे की घंटी बजने लगती है।

वजह है जर्जर भवन, टूटी दीवारें और बरामदे में उगे पौधे। स्कूल में चार कमरे हैं, लेकिन दो पूरी तरह से जर्जर हैं। एक आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त है। ऐसे में सिर्फ एक कमरे में 37 बच्चों की पढ़ाई, मिड डे मील और कार्यालय की व्यवस्था हो रही है।हालात इतने खराब हैं कि भवन में आईं दरारें, उखड़ा प्लास्टर और झड़ती छतें कभी भी बड़ा हादसा कर सकती हैं। बावजूद इसके, विभाग की ओर से अब तक स्कूल को असुरक्षित घोषित नहीं किया गया है। जबकि पाठशाला प्रबंधन समिति (एसएमसी) और अभिभावक कई बार विभाग को अवगत करवा चुके हैं। 

नतीजा यह है कि हर दिन यहां बच्चे डर और खतरे के बीच पढ़ाई करने को मजबूर हैं। अभिभावक अशोक कुमार ने कहा कि इस स्कूल में चटोगा के साथ आसपास के गांवों से भी बच्चे आते हैं, स्कूल की हालत ऐसी है कि अभिभावक भी डर में हैं।तीन कमरे जर्जर हैं, सिर्फ एक में ही पढ़ाई और बाकी सब कुछ चल रहा है। विभाग को कई बार पत्र लिखे, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।राजकीय प्राथमिक पाठशाला चटोगा में भवन निर्माण संबंधी प्रस्ताव शिक्षा निदेशालय को भेजा गया है। बजट के अभाव में यह कार्य अटका हुआ है। इस बारे में फिर से निदेशालय बात की जाएगी।

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