Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

पंचतत्व में विलीन हुए हवलदार अरुण कुमार

                                                      बेटियों ने सीने से लगाई पिता की वर्दी और तिरंगा

ऊना,ब्यूरो रिपोर्ट 

ऊना जिले के चताड़ा गांव के हवलदार अरुण कुमार उर्फ लक्की का अरुणाचल प्रदेश में ड्यूटी के दौरान देहांत हो गया। गुरुवार को उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन किया गया। 

बुधवार को उनका पार्थिव शरीर सेना द्वारा अरुणाचल प्रदेश से एयरलिफ्ट कर चंडीगढ़ लाया गया, जिसे वीरवार सुबह फूलों से सजी विशेष सेना की गाड़ी में पैतृक गांव पहुंचाया गया। जैसे ही तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर गांव की सीमा में पहुंचा। पूरा चताड़ा गांव गम और सम्मान की भावना से भर उठा। सैकड़ों ग्रामीण, परिजन और आसपास के इलाकों से आए लोग अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े। हर हाथ में तिरंगा लहरा रहा था और भारत माता की जय तथा वंदे मातरम के नारों से आसमान गूंज उठा। जवान अरुण कुमार की दोनों बेटियों ने तिरंगे में लिपटी अपने पिता की वर्दी को सीने से लगा लिया। इस भावुक पल ने हर किसी के आंखें नम कर दी।गांव की गलियों से गुजरते हुए सेना की गाड़ी को हर मोड़ पर लोग खड़े होकर उन्हें अंतिम विदाई दे रहे थे। 

जब पार्थिव शरीर घर के आंगन में पहुंचा, तो माहौल भावुक हो गया। मां अपने बेटे को देखकर बेसुध हो गईं, पिता के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। पत्नी और बच्चों का दर्द देखकर हर किसी की आंखें भर आईं, जबकि भाई और अन्य परिजन गहरे शोक में डूब गए। इस दुखद घड़ी में सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, कुटलैहड़ के विधायक विवेक शर्मा, पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर और डीसी ऊना जतिन लाल भी गांव पहुंचे। उन्होंने पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर दिवंगत को श्रद्धांजलि दी और शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाया। सेना के अधिकारियों और जवानों ने भी पूरे सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी। अंतिम यात्रा में गांव और आसपास के क्षेत्रों से सैंकड़ों लोग शामिल हुए। पूरे रास्ते जब तक सूरज-चांद रहेगा, लक्की फौजी तेरा नाम रहेगा के नारे गूंजते रहे। गम और सम्मान के इस मिश्रित माहौल में गांव के श्मशान घाट पर सैन्य रीति-रिवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया, जहां चार वर्षीय बेटे व भाई ने मुखाग्रि दी। इस मौके पर जवान की बेटियां भी मौके तिरंगा झंडा लेकर खड़ी रही।

Post a Comment

0 Comments