खेलों में हिमाचल की शान, बेटियों ने बढ़ाया नाम
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
दुर्गम क्षेत्र धिराइना निवासी हेवीवेट रेसलर द ग्रेट खली किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। खली भारत के पहले प्रोफेशनल रेसलर थे, जिन्होंने डब्ल्यूडब्ल्यूई ज्वाइन किया। वह 2007-08 की विश्व हेवीवेट चैंपियनशिप में विजेता बने। नाहन के प्रसिद्ध फुटबाल खिलाड़ी नरेंद्र थापा युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। नाहन के संग्राम सिंह ने क्रिकेट के क्षेत्र में जलवा बिखेरा। पांवटा साहिब के ऑफ स्पिनर गुरविंदर सिंह टोली रणजी ट्रॉफी-2016 सीजन में देश के टॉप-3 स्पिनरों में शामिल रहे। सीजन में 6 मैच खेलकर हिमाचल टीम के लिए 21 विकेट झटके हैं।
हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ खेल के क्षेत्र में चमक बिखेर रहा है। यहां के खिलाड़ियों ने राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा का लोहा मनवाया है। सीता गोसाईं ने 90 के दशक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम चमकाया। वह एशियन खेलों में रजत पदक हासिल करने वाली भारतीय हॉकी टीम में शामिल रहीं। उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से भी नवाजा गया। उनकी बहन गीता गोसाईं ने भी राष्ट्रीय स्तर पर हॉकी में पहचान बनाई है। शिलाई क्षेत्र की रितु नेगी ने 2022 में एशियाई खेलों में भारतीय महिला कबड्डी टीम की कप्तानी की और टीम को स्वर्ण पदक दिलाया।
रितु नेगी को अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। प्रियंका नेगी प्रो कबड्डी लीग में दबंग दिल्ली की महिला टीम की हिस्सा रहीं। पुष्पा राणा 2022 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता टीम की सदस्य रहीं। नाहन निवासी भूपिंदर सिंह रावत प्रसिद्ध फुटबाल खिलाड़ी रहे। सेना में सेवाएं देते हुए रावत भारतीय टीम से जुड़े। रावत मलयेशिया में मर्डेका टूर्नामेंट में भारतीय टीम के सदस्य थे। हरिपुर खोल के निशानेबाज समरेश जंग ने मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलों में 2006 में पांच स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक जीता। उन्हें कॉमनवेल्थ गेम्स का सर्वश्रेष्ठ एथलीट भी घोषित किया गया। 2002 कॉमनवेल्थ गेम्स (मैनचेस्टर) में दो स्वर्ण पदक (फ्री पिस्टल पेयर्स और स्टैंडर्ड पिस्टल पेयर्स) जीते। भारत सरकार ने उन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया।
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