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राज्यसभा सांसद सिकंदर ने रेल मंत्री पूछे ये सवाल

                     क्या सरकार ने लगभग 20 परिवारों के घरों को गंभीर खतरा होने की जानकारी

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

डॉ. सिकंदर कुमार, सांसद राज्यसभा एवं प्रदेश महामंत्री भाजपा ने संसद में रेल मंत्री से पूछा कि क्या सरकार ने हिमाचल प्रदेश राज्य में अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत बैजनाथ पपरोला रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास पर विचार किया है? क्या सरकार ने लगभग 20 परिवारों के घरों को गंभीर खतरा होने की जानकारी है और सरकार ने भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल परियोजना के लिए सुरंग निर्माण कार्य रोकने का निर्णय लिया है और हिमाचल प्रदेश में पुनर्वास और व्यवस्थापन मानदंडो के अनुरूप ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए क्या कदन उठाए गए हैं ?

जिसके जबाव में रेल सूचना और प्रसारण एवं इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य में बैजनाथ पपरोला स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत विकास के लिए चिन्हित किया गया है और चरण-1 का कार्य पूरा किया जा चुका है, जिसमें स्टेशन भवन, परिचलन क्षेत्र और पार्किंग क्षेत्र, प्लेटफार्म की सतह, प्रतीक्षालय कक्ष, नए शौचालय, ब्लॉक, एग्जीक्यूटिव लाउंज, स्मारकीय ध्वज, दिव्यांगजन सुविधाएं आदि का सुधार शामिल है। उन्होनें कहा कि हिमाचल प्रदेश में अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत अब तक 4 स्टेशनों अर्थात बैजनाथ पपरोला, अम्ब अंदौरा, पालमपुर हिमाचल और शिमला की पहचान विकास के लिए की गई है। अम्ब अनदौरा स्टेशन पर भवन सुधार, परिचलन क्षेत्र का विकास, पार्किंग, शैचालय सहित एग्जीक्यटिव लाउंज, शौचालय ब्लाॅक का कार्य, प्रवेश और निकास द्वार, अग्रभाग में प्रकाश की व्यवस्था और संकेतकों का कार्य पूरा किया जा चुका है तथा रैंप और लिफ्ट सहित 12 मीटर चैड़े पैदल पार पुल का कार्य शुरू कर दिया गया है। उन्होनें सदन को बताया कि पालमुपर और शिमला मास्टर प्लानिंग के अंतर्गत आते है और इस स्तर पर ऐसे इष्टतमीकरण के लिए समय सीमा और अन्य जानकारी नहीं दी जा सकती।केंद्रीय मंत्री ने सदन को बताया कि अमृत भारत स्टेशन योजना सहित स्टेशनों का विकास/उन्नयन/आधुनिकीकरण सामन्यतः योजना शीर्ष-53 ग्राहक सुविधाएं के अंतर्गत वित्तपोषित किया जाता है।

स्टेशनों के विकास और अनुरक्षण के लिए निधि आबंटन का विवरण क्षेत्रीय रेलवे वार रखा जाता है न कि कार्य वार या स्टेशन वार। यात्री सुविधाओं का वित्तपोषण सामन्यतः योजना शीर्ष-53 ग्राहक सुविधाएं के अंतर्गत किया जाता है। हिमाचल प्रदेश एक रेलवे जोन अर्थात उत्तर रेलवे के क्षेत्राधिकार में आता है। वित वर्ष 2025-26 में इस योजना के लिए 2216 करोड़ रू0 का आबंटन किया गया है जिसमें अब तक 333 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं।केंद्रीय रेल मंत्री ने आगे बताया कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी 63 कि.मी. नई रेल लाइन परियोजना को राज्य सरकार के साथ लागत साझाकरण के आधार पर स्वीकृति दे दी गई है। इस योजना के लिए हिमाचल प्रदेश में आवश्यक कुल 123.16 हैक्टेयर भूमि में से 80.31 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण  किया जा चुका है और उपलब्ध भूमि पर कार्य शुरू किया जा चुका है। इस परियोजना में अब तक 5251.81 करोड़ रू0 व्यय किए जा चुके हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार पर 1789.56 करोड़ रू0 बकाया है। उन्होनें कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा न करने के कारण इस परियोजना की प्रगति प्रभावित हुई है और परियोजना में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार के सहयोग की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेल परियोजना की सुरंग संख्या 17 के निकट कुछ निवासियों ने अपने घरों में आई दरारों का मुद्दा उठाया है। राज्य प्रशासन ने इस मुद्दे की जांच के लिए एक समिति गठित की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि घरों में कुछ मौजूदा दरारे बढ़ गई है लेकिन दरारों की वृद्धि का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है क्योंकि सुरंग निर्माण के दौरान कोई विस्फोट नहीं किया गया था। बहरहाल समिति की सिफारिश पर प्रभावित व्यक्तियों को राहन प्रदान करने के लिए नवीनतम तकनीकों से घरों की मरम्मत की गई है।

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