बीबीएमबी-शानन विवाद पर सख्त हिमाचल, सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पक्ष रखेगी सरकार
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि बीबीएमबी और शानन बिजली परियोजना मामले में देश के नामी वकील सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल प्रदेश की पैरवी कर रहे हैं। इसी माह इन दोनों मामलों की सुनवाई होनी है। प्रदेश के हितों के लिए सरकार निर्णायक लड़ाई लड़ेगी।
बैरा स्यूल बिजली परियोजना के अधिग्रहण के खिलाफ कंपनी कोर्ट गई है। सरकार भी अपील करने जा रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकारों की उदासीनता से बिजली बोर्ड ही डीपीआर तैयार करने का खर्च उठाता रहा है। जब कोई पावर प्रोजेक्ट लाभ कमा रहा है तो उसे डीपीआर का खर्च भी उठाना चाहिए।विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जेएसडब्ल्यू मामले में सरकार की जीत हुई है। हम अब 18 फीसदी की रॉयल्टी ले रहे हैं। 250 करोड़ रुपये की आय भी शुरू हो गई है। बैरा स्यूल परियोजना के मामले में हमारा मत स्पष्ट है। 40 साल की अवधि पूरी होने के बाद यह परियोजना हिमाचल को मिलनी चाहिए। ऊर्जा विभाग ने कंपनी को परियोजना का अधिग्रहण करने के लिए नोटिस दिया था। कंपनी कोर्ट गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शानन परियोजना को 100 साल का समय पूरा हो गया है। इस परियोजना का हिमाचल ने अधिग्रहण करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल जैसे नामी वकीलों को खड़ा किया है।बीबीएमबी से करोड़ों रुपये का एरियर लिया जाना है। सीएम ने कहा कि हिमाचल की संपदा को लुटने नहीं देंगे।
विधायक केवल सिंह पठानिया के मूल सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1990 के बाद स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों को सौंपी गईं कुछ जल विद्युत परियोजनाओं की डीपीआर, जांच व सर्वेक्षण लागत बिजली बोर्ड की ओर से अब तक पूरी वसूली नहीं गई है। वसूली में हो रही देरी का मुख्य कारण वसूल की जाने वाली राशि पर लगने वाले ब्याज पर उत्पादकों और बोर्ड प्रबंधन में सहमति न बन पाना है।चुराह के भाजपा विधायक हंसराज ने कहा कि सितंबर का महीना है। राशन की आपूर्ति इसी महीने की जानी है। चुराह में कुछ क्षेत्रों में राशन की समस्या हुई है। मनसा अलवास में सड़क संपर्क कट गया है। कलहेल के इलाके में चार पंचायतों में राशन की दिक्कत है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि जहां सड़कों और राशन की बात है। सरकार पूरा प्रयास करेगी कि कोई ऐसा परिवार नहीं होगा, जिसे राशन के बगैर रहने देंगे।
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