"जलस्तर में अचानक वृद्धि: डल झील के आस-पास सावधानी जरूरी"
चम्बा,ब्यूरो रिपोर्ट
मणिमहेश यात्रा के दौरान 24 अगस्त की सुबह का मंजर श्रद्धालु कभी नहीं भूल पाएंगे। सुबह करीब 6:00 बजे से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण डल झील का जलस्तर अचानक बढ़ गया। झील का उफान इतना तेज था कि परिक्रमा मार्ग पलभर में पानी से लबालब हो गया।
देखते ही देखते डल झील से निकले पानी ने सैलाब का रूप लेकर तबाही मचा दी। पानी के तेज बहाव में गौरीकुंड, सुंदरासी, धन्छो, दोनाली और हड़सर तक बने कई पुल-पगडंडियां बह गईं। रास्ते में लगीं दुकानें और लंगर भी पानी की धारा में समा गए।श्रद्धालुओं ने बताया कि अचानक आए इस सैलाब ने हर किसी को दहशत में डाल दिया। लोग अपने परिवार और बच्चों को संभालते हुए चीखते-चिल्लाते सुरक्षित जगह की ओर भागे। मणिमहेश यात्रा कर लौटे चंबा के भलेई निवासी 27 वर्षीय अभिषेक राजपूत ने बताया कि वह 18 अगस्त को कुगती मार्ग से यात्रा पर निकले और 20 अगस्त को मणिमहेश पहुंचे।
23 अगस्त को मणिमहेश सेवा समिति की ओर से विश्व शांति के लिए यज्ञ करवाया गया था। इसके लिए वह भी वहां रुके हुए थे।उन्होंने कहा कि 24 अगस्त की सुबह अचानक डल झील का जलस्तर बढ़ने से परिक्रमा मार्ग जलमग्न हो गया। पानी की धारा इतनी तेज थी कि झील से निकलकर नीचे की ओर सब कुछ तबाह करता गया। उन्होंने कहा कि 25 अगस्त को जब हम वहां से नीचे उतरे तो सब कुछ साफ हो चुका था। दुकानों और लंगर वाले स्थानों पर मिट्टी और पत्थरों के ढेर लगे थे।
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