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निर्वासित तिब्बती सरकार ने जताई चिंता

                                                         तिब्बत के हालात पर गहराई से चिंता व्यक्त

धर्मशाला,रिपोर्ट नेहा धीमान 

निर्वासित तिब्बती सरकार की 17वीं संसद के दसवें सत्र का चौथा दिन शनिवार को सभापति खेनपो सोनम तेनपेल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। 

सांसद लोबसांग थुप्तेन की ओर से तिब्बत की गंभीर स्थिति पर एकजुटता प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे सांसद त्सानय्त्सांग धोन्दुप ताशी ने समर्थन दिया।प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान सांसदों ने तिब्बत के अंदर की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और तिब्बती जनता के साथ अपनी एकजुटता प्रकट की। सात सूत्री आधिकारिक प्रस्ताव में तिब्बतियों के साहस और बलिदान को नमन किया गया।

 इसमें चीन की नीतियों जैसे जबरन बोर्डिंग स्कूल, मठों पर नियंत्रण तथा तिब्बती भाषा और शिक्षा के दमन की निंदा की गई। प्रस्ताव में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कठोर नीतियों को समाप्त करने, सभी राजनीतिक बंदियों सहित 11वें पंचेन लामा की रिहाई की मांग की गई। साथ ही तिब्बत और चीन के बीच संवाद की आवश्यकता, तिब्बत की ऐतिहासिक स्वतंत्रता की पुष्टि, दलाई लामा के पुनर्जन्म में किसी भी राजनीतिक हस्तक्षेप के विरोध और विश्वभर के तिब्बतियों से धर्म, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान किया गया। वहीं, तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने नेपाल की नवनियुक्त प्रधानमंत्री सुशीला कार्की को पत्र लिखकर बधाई दी है। 

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