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बिलासपुर में बादल फटा, मची तबाही

                                                            पांच गाड़ियां मलबे में दबकर हुई क्षतिग्रस्त

बिलासपुर,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश में माैसम का कहर लगातार जारी है। बिलासपुर जिले की उप तहसील नम्होल के गांव गुतराहन में शनिवार सुबह बादल फटने से दो वाहन मलबे में दब गए और पांच क्षतिग्रस्त हुए हैं। क्षतिग्रस्त वाहनों को निकाल लिया है। मलबा आने से नम्होल-डाबर सड़क बंद हो गई। 

वहीं ग्रामीण कश्मीर सिंह के खेतों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। पानी का बहाव सड़क की ओर मुड़ गया, अन्यथा गुतराहन गांव में बड़ी तबाही हो सकती थी। वहीं दो दिन से हो रही लगातार बारिश के कारण घुमारवीं में सीर खड्ड का जलस्तर बढ़ गया है। इस बरसात में यह सबसे ज्यादा है।राज्य में शनिवार शाम तक भूस्खलन से तीन नेशनल हाईवे सहित 561 सड़कें बंद रहीं। 237 बिजली ट्रांसफार्मर व 317 जल आपूर्ति स्कीमें भी प्रभावित हैं। कुल्लू जिले में 170, मंडी 159, शिमला 58, कांगड़ा 45, चंबा 38 व सिरमाैर में 21 सड़कें बंद हैं।  उधर,भरमौर-पठानकोट हाईवे पर तुन्नूहट्टी, लाहड़, मैहला के समीप बीती रात भारी बारिश के साथ भूस्खलन हुआ है। इससे हाईवे पर छोटे-बड़े वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।

रफ्तार थमने से वाहन चालकों और यात्रियों को वाहनों में बैठकर हाईवे पर आवागमन बहाल होने का इंतजार करना पड़ा। एनएच मंडल के अधिशासी अभियंता मीत शर्मा ने बताया कि भारी बारिश के कारण हाईवे पर पेड़ गिरने, मलबा आने से वाहनों की रफ्तार थमी।इस मानसून सीजन के दौरान अभी तक कुल 4,467 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। 20 जून से 13 सितंबर तक 394 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 455 लोग घायल हुए हैं। 41 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 173 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। राज्य में 544 पक्के, 859 कच्चे मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। 1894 पक्के और 4058 कच्चे मकानों को आंशिक तौर पर नुकसान हुआ है। 5,993 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं 2086 मवेशियों की माैत हो गई। 


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