ब्यास नदी की स्थिति पर राहत कार्य तेज, हेलिकॉप्टर से मदद पहुंचाई जाएगी
मंडी,ब्यूरो रिपोर्ट
कुल्लू-मनाली नेशनल हाईवे को बहाल करना एनएचएआई के लिए चुनौती बन गया है। एनएचएआई फिलहाल अस्थायी तौर पर सड़क खोलने की रणनीति पर काम कर रहा है। कई जगह सड़क बनाने से पहले व्यास नदी का रुख मोड़ा जाएगा। कई जगह मशीनरी हेलिकाप्टर से एयर ड्राॅप की जाएगी।
एनएचएआई ने ऐसी जगह देख भी ली हैं। रविवार को एनएचएआई के क्षेत्रीय परियोजना अधिकारी कर्नल अजय बगरोटिया के अधीनस्थ अधिकारियों के साथ कुल्लू से मनाली तक हुए नुकसान का निरीक्षण किया।उनके साथ एनएचएआई के मंडी जोन के प्रभारी विनय चारी, रेजिडेंट इंजीनियर अशोक चौहान, तकनीकी प्रबंधक अशोक कुमार भी मौजूद रहे। आलू ग्राउंड में निरीक्षण के बाद कर्नल अजय बगरोटिया ने बताया कि कुल्लू से मनाली तक लगभग 23 जगह सड़क क्षतिग्रस्त हुई है। इनमें 16 ऐसे स्थान हैं जहां सबसे अधिक नुकसान हुआ है। आलू ग्राउंड, रायसन, 14 मील ऐसे स्थान हैं, जहां सड़क का कार्य शुरू करने से पहले व्यास नदी का रुख मोड़ना होगा।
यहां नदी सड़क को बहाकर सड़क के दायरे से भी बाहर निकल गई है। 17 मील, क्लाथ, बिंदु ढांक ऐसे संवेदनशील स्थल है, जहां मशीनरी पहुंचना मुश्किल हो गया है।इन स्थानों तक हेलिकाप्टर से एयर ड्राॅप कर मशीनरी पहुंचाई जाएगी। इस पर कार्य किया जा रहा है। बताया कि नेशनल हाईवे को जल्द से जल्द वाहन योग्य बनाना एनएचएआई की प्राथमिकता है। जहां मशीनें पहुंच सकती हैं, वहां कार्य शुरू किया गया है। आलू ग्राउंड, शिरढ, रायसन, 14 मील में कार्य किया जा रहा है। कुल 15 जेसीबी, 15 डंपर और एक गार्डर कार्य में लगाए हैं। 29 छोटी-बड़ी जेसीबी, 25 डंपर मंगवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल सड़क को अस्थायी तौर पर खोला जाएगा। इसके बाद स्थायी समाधान के लिए कार्य किया जाएगा।
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