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हिमाचल में बढ़ती प्राकृतिक आपदाएं

                                                       साल दर साल बढ़ रहे बादल फटने के मामले

बिलासपुर,ब्यूरो रिपोर्ट 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने क्यूएफएक्स/वाईएफएक्स/बॉटब्रो प्लेटफार्मों के जरिये किए गए बड़े निवेश घोटाले में कार्रवाई करते हुए भारत में सक्रिय मुख्य एजेंट हरिंदरपाल सिंह को मनी लांड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया है।

 विशेष पीएमएलए अदालत चंडीगढ़ ने आरोपी को नौ दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है। ईडी की जांच कई एफआईआर पर आधारित है। हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में आईपीसी की धारा 120बी, 406 और 420 के तहत केस दर्ज हुए थे।आरोप था कि क्यूएफएक्स समूह की कंपनियों और उनके एजेंटों ने हजारों निवेशकों को फॉरेक्स ट्रेडिंग योजनाओं के नाम पर हर महीने 5 से 6 प्रतिशत का पक्का मुनाफा देने का झांसा देकर ठगा। जांच में खुलासा हुआ कि इस सिंडिकेट का संचालन दुबई से नवाब उर्फ लविश चौधरी कर रहा था। भारत में एजेंटों के नेटवर्क के जरिये करोड़ों रुपये इकट्ठे किए गए और बाद में शेल कंपनियों एवं पेमेंट गेटवे के जरिए उनकी असलियत छिपाने की कोशिश की गई।


 इतना ही नहीं, इन प्लेटफार्मों के नाम और स्वरूप भी हर कुछ महीनों में बदल दिए जाते थे, जिससे नए निवेशक आसानी से फंस सकें और धोखाधड़ी का सिलसिला जारी रहे।जांच में सामने आया कि हरिंदर पाल सिंह सिंह ब्रदर्स टीम का प्रमुख था। वह भारत के एजेंट नेटवर्क और दुबई के मास्टरमाइंड के बीच अहम कड़ी था। इसी सक्रिय भूमिका के चलते उसे गिरफ्तार किया गया। इससे पहले 11 फरवरी और 4 जुलाई 2025 को ईडी ने कई ठिकानों पर छापा मार कर करीब 400 करोड़ रुपये की अपराध से अर्जित संपत्ति जब्त की थी। ईडी ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी निवेश योजना में पैसा लगाने से पहले उसकी वैधता की पूरी तरह जांच-पड़ताल कर लें। किसी भी संदिग्ध या अवैध निवेश योजना की जानकारी तुरंत कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दें। फिलहाल इस मामले में और अधिक एजेंटों की पहचान करने, बाकी बचे अवैध पैसों का पता लगाने और दुबई से संचालित मास्टरमाइंड के संबंध में जांच जारी है।


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