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नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का आरोप

                                   सरकार चला नहीं पा रही, मंदिरों के पैसों से कर रही धर्मार्थ कार्य

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मंदिरों की धनराशि पर सरकार की नजर पहले से ही टेढ़ी थी। सरकार मंदिरों का पैसा हथियाने की हमेशा तरकीबें निकालता रहती थी। कभी किसी योजना के नाम पर, कभी किसी और बहाने से सरकार मंदिरों का पैसा हथियाने का काम कर रही थी। 

सनातन को लेकर भी सरकार की सोच जगजाहिर हो चुकी है। भाजपा ने हमेशा मंदिर के पैसे जबरदस्ती लेकर सरकार चलाने का विरोध किया। समय-समय पर सरकार की नीयत को लेकर आगाह भी किया था। अब उच्च न्यायालय द्वारा मंदिर के पैसे सरकार चलाने के लिए खर्च करने पर रोक लगाने और देखरेख से संबंधित जो दिशा निर्देश दिए गए हैं, वह स्वागत योग्य हैं।वीरवार को जारी बयान में जयराम ठाकुर ने कहा कि हमने पहले ही इस मामले में सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे कि वह सरकार चलाने के लिए मंदिरों की संपित्त हड़पना चाहती है। इसी वर्ष 29 जनवरी को सरकार द्वारा प्रदेश के सभी उपायुक्तों को पत्र लिखा गया था कि मंदिर अपने राजस्व से सरकार के खजाने में पैसा जमा करें उन पैसों का इस्तेमाल सुखाश्रय और सुख शिक्षा योजना के लिए होगा।

उन्होंने कहा कि यह सरकार की एक साजिश से ज्यादा कुछ नहीं थी। लोक कल्याण समिति की बैठक में यह सामने आया कि सरकार द्वारा सुखाश्रय के लिए आवंटित बजट का लगभग 88 करोड़ रुपये एफडी किया गया है। जबकि लाभार्थियों को कोई बड़ी राहत सहायता मिल नहीं रही है। इस योजना के नाम पर जो कि सरकार की फ्लैगशिप स्कीम है जिसके लिए सरकार द्वारा कम से कम करोड़ों रुपये हर साल विज्ञापन पर खर्च किए गए उस योजना के लिए भी मंदिर से पैसा क्यों लिया जा रहा है। जयराम ठाकुर ने कहा कि मंदिरों का चढ़ावा अब सिर्फ धार्मिक, शैक्षणिक और धर्मार्थ कार्यों में खर्च होगा। मंदिरों का पैसा श्रद्धालुओं की सुविधा, गौ माता की सेवा और सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में ही लगेगा।


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