कहीं गुटबाजी तो कहीं व्यक्तिगत हितों के चलते चयन प्रक्रिया होती रही प्रभावित
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश के सरकारी डिग्री कॉलेजों, संस्कृत कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में अभिभावक-शिक्षक संघ (पीटीए) एवं स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के अध्यक्षों के चयन में अब राजनीतिक दबाव नहीं चलेगा। किसी भी विशेष वर्ग या व्यक्ति को भी अनुचित लाभ नहीं मिलेगा।
उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के स्कूल और कॉलेजों में पीटीए और एसएमसी अध्यक्ष चयन को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। नैतिक चरित्र और अभिभावकों व शिक्षकों का विश्वास अर्जित करने वालों का ही लोकतांत्रिक तरीके से अध्यक्ष पद के लिए चयन किया जाएगा। शिक्षण संस्थानों की चयन प्रक्रिया में एकरूपता, अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पुरानी व्यवस्था को बदला है। शिक्षा सचिव की ओर से शुक्रवार को जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि अब से प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में पीटीए या एसएमसी के अध्यक्ष ऐसे व्यक्ति होंगे जो विद्यार्थियों एवं संस्थान के हित में समर्पित भाव से कार्य करने की क्षमता रखते हों।चयन प्रक्रिया पूरी तरह लोकतांत्रिक, निष्पक्ष और किसी भी प्रकार के बाहरी प्रभाव या पक्षपात से मुक्त होगी।
शिक्षा विभाग ने निर्देश दिए हैं कि अध्यक्ष का चयन करते समय न तो किसी राजनीतिक दबाव का असर होना चाहिए और न ही किसी विशेष वर्ग या व्यक्ति को अनुचित लाभ दिया जाना चाहिए। विभाग ने स्पष्ट किया है कि कई बार विभिन्न कॉलेजों और स्कूलों में पीटीए या एसएमसी अध्यक्ष पद पर चयन प्रक्रिया को लेकर शिकायतें प्राप्त होती रही हैं। कहीं गुटबाजी तो कहीं व्यक्तिगत हितों के चलते चयन प्रक्रिया प्रभावित होती रही है। सुनिश्चित किया है कि प्रदेशभर में समान नियमों और मानकों से चयन हो, जिससे संस्थानों का संचालन अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बने। शिक्षा विभाग ने सभी कॉलेज और स्कूल प्राचार्यों को कहा है कि इन निर्देशों को तत्काल प्रभाव से लागू करें और अपने संस्थान में संबंधित स्टाफ, अध्यापकों और अभिभावकों को इसकी जानकारी दें ताकि भविष्य में किसी प्रकार की अनियमितता या भ्रम की स्थिति न बने।
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