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कुल्लू दशहरा महाकुंभ का समापन लंका दहन की ऐतिहासिक परंपरा के साथ हुआ

                         भगवान रघुनाथ का रथ खींचने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े

कुल्लू,ब्यूरो रिपोर्ट 

लंका दहन की परंपरा के साथ ही कुल्लू में चल रहा सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का बुधवार को समापन हो गया। 

कुल्लू दशहरा के अंतिम दिन भगवान रघुनाथ ने रथ में सवार होकर लंका पर चढ़ाई की। भगवान रघुनाथ का रथ खींचने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। इसके बाद भगवान रघुनाथ अपने देवालय सुल्तानुपर के लिए रवाना हो गए। वहीं, देवी-देवता भी अपने देवालयों की ओर प्रस्थान कर गए। रथयात्रा में 50 से अधिक देवी-देवता लाव-लश्कर के साथ शामिल हुए।

शाम करीब 3:00 बजे रथयात्रा की तैयारियां शुरू हो गई। 3:30 बजे भगवान रघुनाथ अस्थायी शिविर से बाहर आए और रथ में विराजमान हुए। इसके बाद पूजा और परिक्रमा आदि परंपराओं का निर्वहन किया गया। शाम 4:00 बजे के बाद रथयात्रा शुरू हुई। लंका दहन के लिए रघुनाथ को ढालपुर मैदान के एक छोर तक ले जाया गया। यहां देव परंपराओं का निर्वहन करने के बाद भगवान रघुनाथ अन्य देवताओं संग लौट गए।

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