डेंगू का कहर: इलाज के दौरान गंवाई जान
ऊना,ब्यूरो रिपोर्ट
स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर आए दिन नेताओं की ओर से करोड़ों रुपये के भवन और संसाधन उपलब्ध कराने के दावे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। धरातल पर ये सुविधाएं दम तोड़ती नजर आ रही हैं। इसी लापरवाह कार्यप्रणाली की भेंट संतोषगढ़ की एक युवती चढ़ गई।
जानकारी के मुताबिक संतोषगढ़ की 24 वर्षीय युवती पूनम बीती 4 अक्तूबर को बुखार की शिकायत लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) संतोषगढ़ पहुंची थी। यहां रैपिड डायग्नोज टेस्ट में उसे प्रारंभिक तौर पर डेंगू पॉजिटिव पाया गया। हालत बिगड़ने और प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम होने पर उसे क्षेत्रीय अस्पताल ऊना रेफर कर दिया गया।क्षेत्रीय अस्पताल में प्लेटलेट चढ़ाने की सुविधा न होने के कारण चिकित्सकों ने उसे आगे पीजीआई चंडीगढ़ भेज दिया। वहीं उपचार के दौरान सोमवार देर रात उसकी मौत हो गई। इस घटना ने जिला की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संतोषगढ़ क्षेत्र का दौरा किया और नगर परिषद को लगातार फॉगिंग अभियान जारी रखने के निर्देश दिए।
हाल में ही संतोषगढ़ में रेपिड टेस्ट में 40 लोग पॉजिटिव पाए गए थे।जिले के लोग लंबे समय से क्षेत्रीय अस्पताल में प्लेटलेट मशीन और उपमंडल स्तर पर एलाइजा टेस्ट की सुविधा की मांग कर रहे हैं लेकिन दशकों बीत जाने के बाद भी ये सुविधाएं शुरू नहीं हो पाई हैं। सवाल यह है कि आखिर ऊना जिला कब तक इस बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा से वंचित रहेगा और कब तक लोगों को ऐसी लापरवाही की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ेगी।संतोषगढ़ क्षेत्र की एक युवती, जो डेंगू के रैपिड टेस्ट में पॉजिटिव पाई गई थी, उसकी पीजीआई में उपचार के दौरान मौत हुई है। बुधवार को क्षेत्र का दौरा कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। वर्तमान में क्षेत्रीय अस्पताल में ही एलाइजा टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है। फिलहाल जिले में प्लेटलेट चढ़ाने की कोई व्यवस्था नहीं है।
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