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पे रिविजन एरियर के लिए NOC जारी करने के निर्देश

                                            कर्मचारियों को राहत: पे रिविजन एरियर NOC प्रक्रिया तेज

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और वित्त विभाग को एसजेवीएन में प्रतिनियुक्ति पर गए कर्मचारियों के वेतन पुनरीक्षण की बकाया राशि को जारी करने के संबंध में आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र पर विचार करने का निर्देश दिए हैं। 

न्यायाधीश ज्योत्सना रिवॉल दुआ की अदालत ने सरकार को तीन सप्ताह के भीतर इस पर निर्णय और पारित आदेश की सूचना याचिकाकर्ताओं को भी देने को कहा है।राज्य वित्त विभाग के पास पिछले दो वर्षों से अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने का मामला लंबित था। अदालत को बताया कि इसी तरह के लाभों के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक पावर कारपोरेशन के कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार की ओर से एनओसी पहले ही जारी किए जा चुके हैं। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से मांग की थी कि उन्हें और उनके जैसे अन्य बिजली बोर्ड सरकारी कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से प्रभावी वेतन पुनरीक्षण के बाद एसजेवीएन में प्रतिनियुक्ति, अवशोषण, सेवानिवृत्ति के दौरान लागू संशोधित वेतनमान के बकाया को शीघ्र जारी करने के लिए निर्देश दिए जाएं। याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि एसजेवीएन याचिकाकर्ताओं को संशोधित वेतनमान और उसके बकाया जारी करने के लिए तैयार है, लेकिन याचिकाकर्ता पहले प्रतिवादी राज्य सरकार के अलग-अलग संस्थाओं के कर्मचारी थे, इसलिए एसजेवीएन ने राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाणपत्र मांगा है।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में 2016 से लागू संशोधित वेतनमान के एरियर भुगतान से जुड़े मामले पर मंगलवार को भी लगातार सुनवाई होगी। सोमवार को याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने इस मामले में अपना पक्ष अदालत के समक्ष रखा। याचिकाकर्ताओं की बहस के बाद सरकार इस पर अपना पक्ष रखेगी। यह मामला उन सैकड़ों कर्मचारियों का है, जो 1 जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2021 के बीच सेवानिवृत्त हुए हैं, लेकिन इन्हें संशोधित वेतनमान का लाभ नहीं मिला है। मामले की सुनवाई न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रोमेश वर्मा के खंडपीठ कर रही है।उल्लेखनीय है कि 25 फरवरी 2022 को प्रदेश सरकार ने पेंशन नियमों में संशोधन कर जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत्त कर्मियों को संशोधित वेतनमान के अनुसार पेंशन और सेवा लाभ देने का निर्णय लिया था। इसके बाद 17 सितंबर 2022 को सरकारी ज्ञापन भी जारी हुआ, जिसमें वित्तीय लाभ किस्तों में देने की बात कही गई। हालांकि, 2016 से 2021 के बीच सेवानिवृत्त करीब 5 हजार कर्मचारियों को अब तक यह लाभ नहीं मिला है, जबकि 2022 के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को इसका लाभ दिया जा चुका है। 2016 से 2021 के बीच सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने संशोधित वेतनमान, पेंशन और वित्तीय लाभों के लिए हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की। सरकार ने जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के लिए नियमों में संशोधन किया था, लेकिन उन्हें अभी तक यह लाभ नहीं मिला है।



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